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गाज़ियाबाद :- दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के लिए जमीन अधिग्रहण से पहले रिश्तेदारों को जमीन खरीदवाकर 8 से 10 गुना मुआवजा राशि दिलाकर तत्कालीन डीएम निधि केसरवानी और विमल कुमार शर्मा ने सरकार को करीब 25 करोड़ का नुकसान पहुंचाया था। दोनों ने आर्बिटेशन कोर्ट में सारे नियमों को दरकिनार कर मुआवजा राशि तय कर दी थी।  

धारा तीन डी की कार्रवाई होने के बाद जमीन खरीदी या बेची नहीं जा सकती, लेकिन इस मामले में इस धारा के बाद भी जमीनें खरीदी गईं। शिकायत पर तत्कालीन मंडलायुक्त प्रभात कुमार ने जांच की तो खुलासा हुआ। उनकी जांच रिपोर्ट के आधार पर ही अब प्रदेश सरकार ने कार्रवाई की है।

मंडलायुक्त की रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन एडीएम (भू-अर्जन) घनश्याम सिंह और अमीन संतोष को निलंबित कर दिया गया था। एडीएम ने अपने बेटे शिवांग राठौर को और अमीन संतोष कुमार ने पत्नी लोकेश बेनिवाल, मामा रणवीर सिंह, पुत्र दीपक तथा पुत्रवधू दिव्या के नाम पर 9 खसरा नंबरों की जमीन खरीदी थी।
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