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गाज़ियाबाद :- एक तरफ देश की राजधानी दिल्ली तो दूसरी तरफ नोएडा पुलिस कमिश्नरी। एनसीआर के प्रमुख जिलों में शुमार गाजियाबाद फिलहाल एक स्थायी कप्तान के लिए तरस रहा है। 45 दिन से उत्तर प्रदेश सरकार को यहां के लिए स्थायी एसएसपी नहीं मिला, शायद इसीलिए तौर पर भेजे गए अफसर से जिला चलाया जा रहा है। ये हालात तब हैं, जब यूपी में एसपी रैंक के 209 आईपीएस ऑफिसर हैं। एक महीना से ज्यादा हो चुका है, मुनिराज जी. कार्यवाहक एसएसपी के रूप में जिला संभाल रहे हैं। हालांकि इतना जरूर है कि मुनिराज जी के कार्यकाल में पुलिस सक्रियता जरूर बढ़ी है। वह खुद भी रोजाना फुट पेट्रोलिंग करते हैं और ज्यादातर बड़ी घटनाओं पर स्वयं पहुंचते हैं।

कार्यवाहक एसएसपी पर होते हैं कम अधिकार
कार्यवाहक एसएसपी के पास बहुत ज्यादा अधिकार भी नहीं होते। अभी दो दिन पहले गाजियाबाद में एक इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर को सस्पेंड करने की कार्रवाई आईजी मेरठ रेंज के स्तर से की गई। दरअसल, कार्यवाहक होने की स्थिति में एसएसपी सिर्फ अनुमोदन कर सकते हैं। उसके बाद फाइल आईजी को जाती है और वही एप्रूवल देते हैं।
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