रिपोर्ट :- वेदप्रकाश चौहान

हरिद्वार :- कई जगह तो पुलिस की नाक के नीचे ही सरेआम चल रहा कारोबार देवभूमि उत्तराखंड के तीर्थ नगरी हरिद्वार जहां पतित पावनी मां गंगा जी  के साथ साथ देवीय  शक्तियों  का  भी स्थान है जो कि देश भर के  लाखों श्रद्धालुओं का आस्था का केंद्र है हरिद्वार से ही चार धाम यात्रा का भी शुभारंभ होता है लेकिन कुछ समय से तीर्थ नगरी हरिद्वार में नशे का कारोबार करने वालों की व भू माफियाओं की बाढ़ सी आ गई है जिससे आस्था का केंद्र माने जाने वाले हरिद्वार का भविष्य बिगड़ता जा रहा है। 

जनपद हरिद्वार में मा गंगा जी की मर्यादाओं को लेकर कुछ दूरी तक कहीं भी शराब का कारोबार पूर्ण रूप से प्रतिबन्ध है जिससे मां गंगा के आस पास सिर्फ शांति व्यवस्था कायम रहे व श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत न हो  लकिन आज यहां पर यह हालात बन गए हैं कि  कुछ स्थानीय लोगों ने व बाहरी राज्यों के लोगों ने करोडों रूपए कमाने के चक्कर में गंगा के किनारे पर ही अवैध शराब एवं मादक पदार्थों तक का कारोबार करने में नहीं चूक रहे जिससे मां गंगा जी की सारी मर्यादाओं को तार तार किया जा रहा है इतना बड़ा कारोबार  किसकी मदद से चल रहे हैं यह बात किसी से छुपी नहीं है कई बार पुलिस द्वारा कुछ लोगों को मौके पर पकड़ कर जेल भी भेजा गया है उसके बावजूद नशे का कारोबार इतने बड़े पैमाने पर फ़ैल चुका है कि पुलिस प्रशाशन का भी कोई खौफ नहीं रहा।

कहीं कहीं तो पुलिस ऐसे कारोबार करने वालों पर इस कदर मेहरबान है कि पुलिस चौकी  में चाय पीते नजर आते हैं कुछ स्थानीय लोगों द्वारा शिकायत करने पर भी पुलिस मौके पर नहीं पहुंचती जिस कारण कुछ सभ्य समाज का हरिद्वार में रहना दूभर हो गया है और तो और हरकी पैड़ी से लेकर खड़खड़ी भूपतवाला क्षेत्र में धड़ल्ले से अवैध शराब व सुल्फा  गांजा चरस का कारोबार चल रहा है कई बार तो गंगा के किनारे पर ही लोग नशा करते देखे गए हैं लेकिन पुलिस सब जानते हुए भी अनजान बन जाती है। 

जहां उत्तराखंड राज्य के पुलिस महानिदेशक श्रीमान अशोक कुमार जी द्वारा अवैध रूप से नशे का कारोबार करने व सार्वजनिक स्थान पर शराब का सेवन करने वालों के खिलाफ तरह तरह के अभियान चलाए जा रहे हैं लेकिन कुछ पुलिस कर्मी  अपने उच्च अधिकारियों के निर्देशो का पालन ना करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ते कई बार खड़खड़ी भूपतवाला क्षेत्र के आश्रम व होटलों में सरेआम शराब का सेवन करते हुए व जुआ खेलते देखे जा सकते हैं दरअसल कुछ होटल व आश्रमों के मैनेजर अपने मोटे कमीशन के लालच में आकर बिना खास जानकारी के ही कुछ नशेड़ी किस्म के लोगो को कमरा उपलब्ध करवा रहे हैं। 
जिसमें आस पास से ही शराब तक उपलब्ध करवा दी जाती है हैरानी की बात तो यह है कि जहां शराब पूर्ण रूप से बंद है वहां कुछ मिनटों में शराब आश्रमों व होटलों में उपलब्ध हो रही है  कई आश्रमों में सीसीटीवी कैमरे तक नहीं लगे हैं जिससे बिना किसी डर के इन आश्रमों में सरेआम शराब पीते हुए व जुआ खेलते देखे गए हैं क्या  यह हो सकता है कि स्थानीय पुलिस को इस तरह से चल रहे कारोबार का ना पता हो।

यदि कोई पुलिस को सूचना देने की हिम्मत भी करता है तो पुलिस उसी को ही धमका कर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर देती है जिस कारण से ऐसे लोगों के हौसले इतने बुलंद हैं कि बे खौफ सारी मर्यादाओं को तोड़ते हुए अपना कारोबार करने में मस्त हैं जिससे आज हज़ारों युवाओं का भविष्य खराब हो रहा है यदि अभी भी पुलिस प्रशाशन ऐसे लोगों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करती तो आने वाले समय में हरिद्वार का माहौल खराब होने से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
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