◼️नियमों को ताक पर रखकर चल रहे आश्रम व धर्मशालाएं 


रिपोर्ट :- वेदप्रकाश चौहान

उत्तराखंड :- तीर्थ नगरी हरिद्वार में पिछले काफी लंबे समय से आश्रम व धर्मशालाओ ने होटल का रूम ले रखा है कुछ दानदाताओं द्वारा यात्रियों के ठहरने को लेकर दान स्वरूप आश्रमों में व धर्मशाला में दान राशि भेंट कर कमरे आदि की व्यवस्था की गई थी जिसमें यात्रियों से बिना किसी शुल्क लिए उनको ठहरने की उचित व्यवस्था मिल सके जिसमें एक गरीब लोग अपने परिवार के साथ तीर्थ नगरी हरिद्वार गंगा स्नान करने आते हैं व ठहरने हेतु आश्रम या  धर्मशाला में ठहरते थे लेकिन आज इन आश्रमों व धर्मशाला ओं की स्थिति यह हो गई है कि ₹ 1000 से लेकर 1500  ₹2000 तक का कमरा यात्रियों को दिया जाता है।

जिसमें गरीब यात्री आज हरिद्वार में धर्मशाला या आश्रमों में कमरा नहीं ले पा रहे जिस कारण एक गरीब श्रद्धालुओं को तीर्थ नगरी हरिद्वार में इधर-उधर भटकना पड़ रहा है व कहीं खुले आसमान  में रात गुजर बसर करने को मजबूत हो रहे हैं दरअसल कुछ आश्रम व धर्मशाला को बाहर के लोगों को लीज पर दे दिया जाता है जिस कारण लीज स्वामी अपनी मनमानी पर उतारू हो रहे हैंऔर मोटे रुपए कमाने के चक्कर में यहां गलत काम करवा रहे हैं और  तो और बाहरी राज्यों के कुछ यात्रियों को बिना किसी खास जानकारी लिए उनको कमरा उपलब्ध करवा रहे हैं व उनसे मोटी कमीशन के लालच में यहां के मैनेजर शराब तक उपलब्ध करवा रहे हैं किसी किसी आश्रम में तो सीसीटीवी कैमरे तक नहीं है। 

जहां बेखौफ अपराधी किस्म के लोग ठहरते हैं व शराब और जुआ खेलते देखे गए हैं जिससे कई सभ्य समाज के लोग अपने परिवार के साथ इन आश्रमों में खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं कई बार स्थानीय लोगों ने इसकी पुलिस प्रशासन को शिकायत भी की परंतु पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही ना होने के कारण आज यहां का माहौल बिगड़ता चला जा रहा है आखिर पुलिस प्रशासन ऐसे आश्रम व धर्मशालाओं की जांच कर कार्यवाही क्यों नहीं कर  रही है। 

हरकी पौड़ी क्षेत्र से लेकर भूपतवाला खड़खड़ी भीमगोड़ा के आसपास की गलियों में सरेआम शराब की बिक्री हो रही है जिसमें आश्रमों में ठहरने वाले कुछ नशेड़ी किस्म के लोग वही से ही शराब खरीदकर आश्रम  धर्मशाला ओं के कमरों में शराब पीकर हुड़दंग करते नजर आते हैं एक और उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक श्रीमान अशोक कुमार जी द्वारा नशे के खिलाफ कई तरह के अभियान चलाए जा रही हैं  राज्य की पुलिस के साथ कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए तरह तरह की मीटिंग की जाती हैं कई बार राज्य के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार द्वारा कानून व्यवस्था को लेकर उत्तराखंड के कई जिलों में दौरे भी किए जाते हैं लेकिन स्थानीय पुलिस इन सब  बातों भी कोई पालन नहीं कर रही। 

जिस कारण बाहरी राज्यों से कुछ अपराधी किस्म के लोग सरेआम यहां किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं लोकतंत्र के चौथा स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकारों द्वारा भी यदि पुलिस को ऐसी शिकायतों की सूचना दी जाती है तो उसके बावजूद भी पुलिस के अधिकारियों द्वारा नजर अंदाज़ कर दिया जा रहा है कई बार तो गंगा घाटों के पास ही ऐसे शराबी किस्म के लोग नशा करते देखे गए हैं कुछ सीधे-साधे लोगों को पकड़कर पुलिस अपनी पीठ थपथपा रही है लेकिन बड़े-बड़े आश्रम व होटल धर्मशाला में पुलिस जाने की हिम्मत क्यों नहीं कर पा रही जबकि तीर्थ नगरी हरिद्वार में मां गंगा जी की मर्यादाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा शराब बेचना पूर्ण रूप से प्रतिबंध की गई है जिससे यहां पर व्यवस्था कायम रहे।

उसके बावजूद आश्रम व धर्मशाला में चंद मिनटों में शराब उपलब्ध हो जाती है आखिर यह सारी शराब कहां से आ रही है इसकी बिक्री कौन कर रहे हैं यह सब पुलिस जानती है लेकिन जानबूझकर पुलिस अनजान बन जा रही है आखिर पुलिस प्रशासन के मुखिया श्रीमान अशोक कुमार जी द्वारा अवैध नशे के कारोबार करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए जाते हैं उसके बावजूद हरिद्वार पुलिस ऐसे शराब कारोबारियों पर शिकंजा क्यों नहीं कस  रही भूपतवाला खड़खड़ी क्षेत्र में नशे के कारोबार से युवाओं का भविष्य भी बिगड़ता जा रहा है यदि समय रहते पुलिस प्रशासन नहीं जागा तो हरिद्वार तीर्थ नगरी की स्थति बेकाबू होने से इंकार नहीं किया जा सकता
Previous Post Next Post