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ग़ाज़ियाबाद/दिल्ली :- समता बुद्ध विहार पश्चिमपुरी दिल्ली के प्रांगण में सोमवार को सम्यक प्रकाशन परिवार द्वारा बौद्धाचार्य शान्ति स्वरूप बौद्ध  की स्मृति में एक स्मरणांजलि सभा का आयोजन किया गया जिसमें लोगों ने खूब बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। 12 राज्यों के बुद्ध धम्मानुयायियों ने शान्ति स्वरूप बौद्ध को नमन करते हुए अपनी भावपूर्ण आदरांजलि अर्पित की। दिल्ली में बहुत ज्यादा गर्म मौसम का दिन होने के बाबजूद लोगों का जनसैलाब शांति स्वरूप बौद्ध को अपनी आदरांजलि देने के लिए उमड़ पड़ा। 

शान्ति स्वरूप बौद्ध बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे उन्होंने सम्यक प्रकाशन के माध्यम से बौद्ध एवं अम्बेडकरी साहित्य घर घर पहुँचाया। बौद्धाचार्य शांति स्वरूप बौद्ध  एक उच्चकोटि के साहित्यकार थे। उन्होंने विभिन्न विषयों पर लगभग 100 पुस्तकों का लेखन खुद किया। वे एक ख्यातिप्राप्त चित्रकार थे उनकी कलाकृतियों की देश-विदेश में पहचान थी। शांति स्वरूप बौद्ध ओजस्वी वक्ता थे उनकी वाणी में इतना जोश था कि वे सोते हुए इंसान को भी जगा देते थे। 

उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व का ही ये परिणाम है कि दिल्ली का समता बुद्ध विहार आज दिल्ली का सर्वोत्कृष्ट बुद्ध विहार है। शांति स्वरूप बौद्ध  एक अच्छे लेखक , विचारक, संगठक, संपादक, एवं आर्टिस्ट थे। बहुजन समाज के लिए शांति स्वरूप बौद्ध का जाना एक अपूर्णीय क्षति है। शांति स्वरूप बौद्ध द्वारा किए गए समाजोत्थान के कार्यों को बहुजन समाज कभी भूल नहीं पायेगा। हम उनके ऋणी हैं कि आज सम्यक प्रकाशन के पास बुद्ध धम्म से संबंधित विपुल साहित्य उपलब्ध है। 

शांति स्वरूप बौद्ध आप बहुत याद आतें हैं आपकी हाजिर जवाबी का तो कोई जवाब नहीं। आपकी तर्कशक्ति बेजोड़ थी। आप गूढ़ विषयों को भी बहुत सरल शब्दों में समझा देते थे। आपकी बौद्ध शब्दावली पर अच्छी पकड़ थी। आप नवोदित लेखकों का मार्गदर्शन करते थे। उनको अच्छा और सार्थक लिखने के लिए प्रोत्साहित करते थे। आपने करीब 450 लोगों का विशाल लेखकवृन्द खड़ा किया जिनकी लेखनी से बौद्ध साहित्य समृद्ध हुआ।

स्मरणांजलि सभा में बहुजन गायकों में तरन्नुम बौद्ध, हेमंत कुमार बौद्ध, समीर खान और बहुजन कवि राहुल नागपाल ने भी अपनी प्रस्तुतियों से सभी का ज्ञानरंजन किया। हरी भारती ने अपने हाथों से बौद्धाचार्य शांति स्वरूप बौद्ध का पेंसिल स्कैच सम्यक प्रकाशन परिवार को भेंट भी किया। 

शांतिस्वरूप बौद्ध के विशाल स्मरणांजलि सभा कार्यक्रम के बुद्धारंभ में पूर्व दर्जा प्राप्त मंत्री भंते चंदिमा जी, भंते धम्मविरियो, महाथेरा और भिक्खु संघ ने परित्राण पाठ किया ।  विशाल कार्यक्रम में देश के प्रमुख बहुजन चिंतक दिलीप सी मण्डल , चंद्रभूषण यादव ,  दलित दस्तक के अशोक दास , प्रमुख साहित्यकारों में  प्रदीप आगलावे, जयप्रकाश कर्दम, भद्रशील रावत,  प्रो. विवेक कुमार(जे एन यू), डॉ राज कुमार( दयाल सिंह कॉलेज) सतनाम सिंह,  संजय गजभिए, तारा राम, शील प्रिय बौद्ध, सज्जन क्रांति, सज्जन क्रांति, वक्ताओं में डॉ डी बी एस सेहरा, सूरज पाल राक्षस, राखी रावण, एडवोकेट रजनी बौद्ध आदि सहित दिल्ली सरकार के मंत्री, विधायक ने भी  शांतिस्वरूप बौद्ध  के बहुआयामी व्यक्तित्व व कृतित्व की चर्चा करते हुये उन्हें अपनी आदरांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में पत्रकार, बुद्धिजीवी, सोशल एक्टिविस्ट, मीडिया कर्मी उपस्थित रहे और कार्यक्रम का सफल संचालन सम्यक प्रकाशन के संचालक  संदीप बौद्ध ने किया और अतिथियों का स्वागत कपिल स्वरुप बौद्ध ने बड़े विनम्र भाव से किया।
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