रिपोर्ट :- गजेंद्र सिंह

नई दिल्ली :- ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार पार्थ चटर्जी को मंत्री पद से हटा दिया है। गिरफ्तारी के 5 दिन बाद ममता सरकार ने ये एक्शन लिया है। दरअसल, बुधवार से गुरुवार तक चली 18 घंटे की रेड में ED ने पार्थ की करीबी अर्पिता मुखर्जी के दूसरे घर से 27.9 करोड़ रुपए कैश और 5 किलो गोल्ड जब्त किया।

कैश के बारे में पूछे जाने पर अर्पिता ने बताया कि ये सारे रुपए पार्थ चटर्जी के हैं। उन्होंने कहा, 'पार्थ इस घर का इस्तेमाल रुपए रखने के लिए करते थे। मुझे अंदाजा नहीं था कि घर में इतना सारा कैश रखा होगा।' इस खुलासे और पार्टी पदाधिकारियों की पार्थ को हटाने की मांग के बाद ममता सरकार ने यह फैसला लिया।

ममता सरकार में नंबर-2 की हैसियत रखते थे पार्थ
ममता सरकार में पार्थ चटर्जी सबसे सीनियर मंत्री थे। वो दक्षिण 24 परगना के बेहला पश्चिम सीट से पांच बार विधायक रह चुके हैं। पार्थ चटर्जी 2011 से लगातार मंत्री थे। वे 2006 से 2011 तक बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं। पार्थ के पास वर्तमान में उद्योग, वाणिज्य और संसदीय कार्य जैसे बड़े मंत्रालयों का प्रभार था। अभिषेक बनर्जी ने आज शाम अनुशासन समिति की बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि उनसे पार्टी महासचिव का पद भी छीना जा सकता है।
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