◼️उनके इलाज व देखभाल के लिए खोल रखा है शेल्टर होम

◼️घायल व बीमार पशु.पक्षियों का कराते हैं इलाज



सिटी न्यूज़ | हिंदी....✍🏻

गाजियाबाद :- दीन दुखियों व जरूरतमंदों की सेवा ही असली पूजा है। कावेरी राणा भारद्वाज व उनके पति यशराज भारद्वाज वर्षो से इस पर अमल करते आ रहे हैं। उन्होंने सेवा को ही अपनी जिदंगी का ध्येय बना लिया है और बीमारए कमजोरए बेबस व लाचार पशु.पक्षियों की ना सिर्फ सेवा करते हैंए बल्कि उन्हें अपनी संतान की तरह प्यार भी देते हैं। दोनों ने अपना जीवन ही पशु.पक्षियों की सेवा के लिए समर्पित कर दिया है।
ग्रेटर नोएडा निवासी कावेरी राणा भारद्वाज व उनके पति यशराज भारद्वाज ने लिंक रोड पर घर के पास ही जानवरों का शेल्टर होम बना रखा है। उन्हें सडक पर जहां भी बीमारए लाचार या अपना कोई अंग खो चुका डॉगीए बंदरए गधा आदि जानवर दिखाई देता हैए उसे उठाकर शेल्टर होम में ले आते हैं और उनका इलाज कराने के साथ उनकी दिन.रात देखभाल करते हैं। इलाज के लिए उन्होंने गाजियाबाद के जानवरों के एक अस्पताल से अनुबंध कर रखा है। यशराज भारद्वाज इंटरनेट मार्केटिंग करते हैं और उससे होने वाली कमाई का काफी हिस्सा जानवरों के इलाज व देखभाल पर खर्च कर देते हैं।
कावेरी बताती हैं कि उनके पिता डॉक्टर थे और घायल चिडिया आदि को घर लाकर उनकी देखभाल करते थे। इसी के चलते उन्हें बचपन से ही पशु.पक्षियों से प्यार था। वर्ष 2014 में उनका डॉगी खो गया था। कई दिन बाद जब वह वापस मिला तो उसकी हालत खराब थी। डॉगी की हालत देखकर ही उन्होंने जानवरों का शेल्टर होम खोला। अब तक एक हजार से अधिक बीमार व घायल जानवरों को इलाज व देखभाल से ठीक किया जा चुका है। उनकी अपनी कोई संतान नहीं है तो कावेरी राणा भारद्वाज व उनके पति यशराज भारद्वाज इन जानवरों को ही अपनी संतान की तरह मानते व प्यार करते हैं।
इस काम में उनकी सासए देवरानी व उसके दोनों बच्चे भी सहयोग करते हैं। कावेरी कहती हैं कि उनके व उनके पति की जिदंगी का मकसद बेबसए लाचारए घायल व बीमार पशु.पक्षियों की सेवा कर उन्हें पूरी तरह से स्वस्थ करना ही है। इसके लिए वे दिन.रात मेहनत करने के लिए भी तेयार हैं।
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