◼️गुरु: ब्रह्मार्गुरुर्विष्णु: गुरुर्देवो महेश्वर:। गुरु:साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः।



रिपोर्ट :- अजय रावत

गाज़ियाबाद :- सरस्वती शिशु मंदिर नेहरू नगर गाजियाबाद में गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर गुरु पूजन उत्सव मनाया गया। विद्यालय की प्रधानाचार्य रेखा शर्मा एवं कार्यक्रम के संयोजक योगेश शर्मा  ने मां सरस्वती और महर्षि वेदव्यास के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन कर पुष्पार्चन किया। इस अवसर पर कई भैया बहनों ने गुरु की महिमा के श्लोक, महर्षि वेदव्यास जी के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला।

योगेश शर्मा ने बताया कि भारतीय परंपरा गुरु परंपरा है। बिना गुरु के ज्ञान असंभव है शास्त्रों में गुरु को ईश्वर से बड़ा माना गया है क्योंकि कहा गया है।
 गुरु गोविंद दोऊ खड़े ,काके लागू पाय। बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताय।। विद्यालय की प्रधानाचार्या रेखा शर्मा ने बताया कि सद्गुरु अपने शिष्य की कमियों को निकालता है। और उसे अच्छे गुणों की ओर प्रेरित करता है ।
गुरु कुम्हार शिष्य कुंभ है घड-घड़ काढ़े खोट ।
अंदर हाथ सहार दें ,बाहर मारे चोट।

महर्षि वेदव्यास जी को परमगुरु का स्थान प्राप्त है। उन्होंने वेदों को चार भागों में बांटा। महाभारत जैसे महाकाव्य की रचना की। गुरु परंपरा को आगे बढ़ाते हुए हमें सद्गुरु का ही सहारा लेना चाहिए। किंतु देश का दुर्भाग्य है कि सद्गुरु बहुत ही दुर्लभ है। गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर छात्रों ने आचार्यों को तिलक कर अंग वस्त्र प्रदान किया और साष्टांग प्रणाम कर गुरु का आशीर्वाद लिया।
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