रिपोर्ट :- नासिर खान

लखनऊ :- स्वतंत्रदेव सिंह ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के पद से बुधवार को इस्तीफा दे दिया। पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा जल्द की जाएगी। नए अध्यक्ष की घोषणा तक स्वतंत्रदेव पार्टी के कार्यक्रमों में बतौर प्रदेश अध्यक्ष काम करते रहेंगे।

स्वतंत्रदेव को 16 जुलाई, 2019 को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। उनका तीन साल का कार्यकाल 16 जुलाई, 2022 को पूरा हो गया। वह फिलहाल प्रदेश सरकार में जलशक्ति मंत्री हैं। पार्टी में एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत है। ऐसे में बीते तीन महीने से नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति की अटकलें लगाई जा रही थीं। पर तीन साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद ही स्वतंत्रदेव ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है।

सूत्रों का कहना है कि जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक के इस्तीफा देने के बाद स्वतंत्रदेव पर दबाव बढ़ गया था। पार्टी के एक खेमे ने स्वतंत्रदेव को यह आरोप लगाते हुए घेरना शुरू किया था कि वह मंत्री के साथ प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। इस दबाव से बचने के लिए स्वतंत्रदेव ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को इस्तीफा दिया है।

मुख्यमंत्री आवास पर बुधवार शाम हुई पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में भी स्वतंत्रदेव शामिल हुए। वहीं यदि शुक्रवार तक नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा नहीं हुई तो 29 से 31 जुलाई तक चित्रकूट में होने वाले तीन दिवसीय प्रशिक्षिण शिविर में भी स्वतंत्रदेव बतौर प्रदेश अध्यक्ष शामिल होंगे।

स्वतंत्रदेव के इस्तीफे के बाद पार्टी में नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति जल्द होगी। प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में ब्राह्मण नेताओं में पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, पूर्व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, कन्नौज के सांसद एवं प्रदेश महामंत्री सुब्रत पाठक, अलीगढ़ के सांसद सतीश गौतम, नोएडा के सांसद डॉ. महेश शर्मा और प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक प्रमुख दावेदार है। सूत्रों के मुताबिक सरकार का खेमा पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा और पूर्व मंत्री श्रीकांत शर्मा के पक्ष में है। पार्टी के एक राष्ट्रीय महामंत्री श्रीकांत शर्मा की पैरवी कर रहे हैं।

पिछड़े वर्ग से केशव के नाम की भी चर्चा
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए पिछड़े वर्ग से उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का नाम भी चर्चा में है। बीते दिनों केशव की दो दिवसीय दिल्ली यात्रा के दौरान उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के नेताओं से मुलाकात के बाद से लखनऊ से दिल्ली तक केशव को फिर संगठन की कमान सौंपने की चर्चा है। केशव के नेतृत्व में भी भाजपा ने 2017 में 325 सीटें जीतने का रिकॉर्ड बनाया था।

वहीं पिछड़े वर्ग में केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा और पंचायतीराज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी की दावेदारी है। दलित वर्ग में पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं इटावा के सांसद रामशंकर कठेरिया भी प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में हैं। पार्टी के एक पूर्व राष्ट्रीय पदाधिकारी एवं आरएसएस प्रचारक उनकी पैरवी कर रहे हैं। प्रदेश महामंत्री अश्विनी त्यागी, अमरपाल मौर्य भी दावेदार है।
Previous Post Next Post