रिपोर्ट :- नासिर खान

लखनऊ :- उत्तर प्रदेश के हरदोई में स्वच्छ भारत मिशन में बड़ा घोटाला करने का मामला सामने आया है। जिसमें अधिकारियों और ग्राम प्रधानों ने मिलकर 17 लाख से अधिक का डस्टबिन घोटाला किया है। इस मामले की जानकारी विजिलेंस को दी गई। विजिलेंस ने अपनी जांच के तहत जिले के 41 ग्राम विकास अधिकारी और 141 ग्राम प्रधानों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

बता दें कि जनपद हरदोई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छ भारत मिशन के नाम पर जमकर घोटाला किया जा रहा है। जिसकी जानकारी तब हुई जब   2019 के तत्कालीन जिला पंचायत राज अधिकारी ने डस्टबिन खरीद में गड़बड़ी की जांच कराई थी। जिसके बाद यह बात सामने आई कि ज्यादा दामों पर डस्टबिन खरीद कर 17 लाख का पूरा घोटाला किया गया।

मौखिक आदेश पर ही की गई लाखों की खरीददारी
इस जांच में यह भी पता चला कि मौखिक आदेश पर ही लाखों की खरीद कर ली गई। जांच में खुलासा हुआ कि नीलकमल और सुप्रीम ब्रांड के जो डस्टबिन इंस्टालेशन, स्टैंड और भाड़े समेत 7669, और 6089 रुपये में मिल रहे थे। उन्हें इन ग्राम प्रधानों और ग्राम विकास अधिकारियों ने 8686 और 8348 रुपयों में खरीदा। इसी तरह कई ब्लॉकों में घोटाला किया गया है।

41 ग्राम विकास अधिकारी और 141 ग्राम प्रधानों पर FIR
इस मामले की जानकारी जब विजिलेंस को दी गई तो विजिलेंस के इंस्पेक्टर योगेश शाह की तरफ से 41 ग्राम विकास अधिकारी और 141 ग्राम प्रधानों पर एफआईआर दर्ज करवाई गई। जिसके बाद 9 मई 2019 को तत्कालीन जिला पंचायत राज अधिकारी अनिल कुमार सिंह के खिलाफ स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत डस्टबिन खरीद में अनियमितता की जांच के आदेश हुए थे। जांच में सामने आया कि हरदोई में डस्टबिन की आपूर्ति की पूरी प्रक्रिया मौखिक आदेशों के आधार पर ही कर ली गई है।
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