रिपोर्ट :- अजय रावत

गाज़ियाबाद :- भारतवर्ष के प्राचीन तीर्थो के से एक शिवशक्ति धाम (प्राचीन देवी मंदिर) डासना वर्तमान समय में सनातन धर्म की रक्षा का सबसे मजबूत केंद्र होते हुए भी धनाभाव के कारण अभूतपूर्व दुर्दशा का शिकार है। शिवशक्ति धाम डासना महाकाली का भारत का सबसे प्राचीन मंदिर है। जहाँ भगवान परशुराम जी ने महादेव शिव की स्थापना की थी। शिवशक्ति धाम में माँ और महादेव प्रत्येक श्रद्धालु की सभी सात्विक मनोकामना पूर्ण करने वाले हैं। विशेष रूप से संतान की इच्छा रखने वाले श्रद्धालुओं पर तो माँ अपूर्व कृपा करती हैं। यहां मांगने पर सभी को सन्तान अवश्य ही प्राप्त होती है। माँ और महादेव यहाँ आने वाले हर श्रद्धालु का जीवन धन धान्य,सुख,समृद्धि और सफलता से परिपूर्ण कर देते हैं।

वर्तमान में शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर व श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी सम्पूर्ण विश्व मे सनातन धर्म की सबसे मजबूत आवाज हैं। माँ और महादेव की कृपा से महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज शिवशक्ति धाम डासना को सनातन धर्म के प्रचार और रक्षा का सबसे विश्व का सबसे प्रचंड केंद्र बनाने के लिये कृतसंकल्पित हैं।
वर्तमान में शिवशक्ति धाम डासना की दीवारें कमजोर होकर जगह जगह से टूट रही हैं और वहाँ के सारे प्रकल्प अधूरे पड़े हुए हैं।

अब शिवशक्ति धाम डासना की चारदीवारी का मजबूत होना और वहाँ मन्दिर की प्रतिष्ठा के अनुरूप एक भव्य द्वार का निर्माण सबसे पहली आवश्यकता है। इसी के साथ वहाँ सनातन वैदिक ज्ञानपीठ की स्थापना के लिये एक भवन का भी निर्माण होना है तथा कुछ अधूरे कार्यो का पूरा करना है।
इस कार्य के लिये बड़ी मात्रा में धन की आवश्यकता है जिसके लिये महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज 1 सितम्बर 2022 से भिक्षायात्रा आरम्भ करेंगे।
आप सभी सनातन के मानने वालों से अनुरोध है कि इस पुनीत कार्य के लिये यथाशक्ति अवश्य दान करें।
माँ और महादेव सदैव आपके परिवार की रक्षा करें।
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