रिपोर्ट :- संजय चौहान

उत्तराखण्ड/हरिद्वार :- प्रतिबंध के बावजूद शहरी क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में अवैध शराब की बिक्री जमकर हो रही है। यह हम नहीं कह रहे अब तक प्रतिबंधित क्षेत्र से पुलिस कार्रवाई में पकड़ी गई हजारों लीटर से अधिक शराब कह रही। पुलिस की इस कार्रवाई ने आबकारी विभाग की कार्य प्रणाली को संदेह के दायरे में ला दिया है। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर आबकारी की नजरों से किस तरह बच और बिक रही है यह शराब। आबकारी विभाग के पास इसका कोई माकूल जवाब नहीं। 

प्रतिबंधित इलाके में शराब की बिक्री को और कोई नहीं बल्कि पूर्व कैबिनेट मंत्री के दो करीबी नेता इस कार्य को बेखौफ होकर अंजाम दे रहे हैं। अवैध शराब की बिक्री भीमगोडा, भूपतवाला, हरकी पौड़ी, गऊघाट के पुल के नीचे बकायदा अड्डा बनाकर, कुशाघाट, सुभाष घाट आदि क्षेत्रों सहित कनखल, ब्रह्मपुरी, काशीपुरा, झलकारी बस्ती, इन्द्राबस्ती, बस अड्डे के पास, श्रवण नाथ नगर, ललतारौ पुल, मायादेवी प्रांगड़, रोड़ी बेलवाला, बिरला घाट, से लेकर कनखल, देवपुरा सरकारी कालोनी, ऋषिकुल, रानीपुर मोड़, खन्ना नगर, ज्वालापुर, टिबड़ी, शिवलोक कालोनी आदि इलाकों में धड़ल्ले से बेची जा रही है,‌ जिसकी जानकारी आला अफसरों से लेकर क्षेत्रीय पुलिस को होने के बावजूद भी इस ओर कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।

गौरतलब है कि धर्मनगरी हरिद्वार में नगर निगम सीमा क्षेत्र में मांस और शराब की बिक्री व इस्तेमाल पूरी तरह से प्रतिबंधित है। यह प्रतिबंध अंग्रेजों के जमाने में बने कानून के तहत 1916 से लागू है। अंग्रेजी सरकार ने हरिद्वार की धार्मिक महत्ता को स्वीकार करते हुए कानून का निर्माण किया था। आजादी के बाद भारत व उत्तर प्रदेश सरकार ने भी सम्मान करते हुए न सिर्फ बरकरार रखा, बल्कि कड़ाई के साथ इसका पालन भी कराया। 

राज्य निर्माण के बाद से आबकारी विभाग की सुस्ती और लापरवाही के चलते मामला बिगड़ता जा रहा है। नतीजतन, हरकी पैड़ी से लेकर शहरी क्षेत्र के तमाम इलाकों में शराब की बिक्री जमकर की जा रही है। इससे धर्मनगरी की साख पर बट्टा लग रहा है पर, जिम्मेदार खामोश हैं। सवाल उठाया जा रहा है कि प्रतिबंध के बावजूद ऐसा क्यों और किस तरह हो रहा है। आबकारी विभाग क्या कर रहा है, वह कोई प्रभावी कार्रवाई क्यों नहीं करता।

दूसरे धंधों की आड़ में होता है 
हरकी पैड़ी क्षेत्र में दूसरे धंधों की आड़ में शराब बिक्री का धंधा होता है। ऐसा नहीं है कि किसी को इसकी भनक नहीं है। पुलिस कई बार कार्रवाई कर चुकी है। सवाल यह उठता है कि आखिर आबकारी विभाग को यह सब क्यों नहीं दिखाई देता।

एजेंटों के जरिये होती है बिक्री
हरकी पैड़ी से लेकर ज्वालापुर तक शराब की बिक्री एजेंटों के जरिये होती है। इसके लिए पूरा संगठित गिरोह काम करता है। गिरोह के सदस्यों के इशारों पर पलक झपकते ही घाटों पर ग्राहक को उपलब्ध करा दी जाती है। इसमें महिलाएं भी शामिल हैं।

होटलों में सजती है महफिल
प्रतिबंधित क्षेत्र के होटलों हरकी पौड़ी, श्रवण नाथ नगर, मायापुर आदि जगहों पर भी मौके-बेमौके पर मनाही के बावजूद शराब की महफिलें सजने की शिकायतें आम हैं। बावजूद इसके आजतक किसी भी होटल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिससे कई सवाल खड़े होते हैं।
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