रिपोर्ट :- अजय रावत
गाजियाबाद :- प्राइवेट चिकित्सक वेलफेयर एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष बीके शर्मा हनुमान ने बताया कि सावन महीने मैं आयुर्वेद के महान आचार्य चरक का जन्मदिन मनाया जाता है। आचार्य चरक आयुर्वेद के पहले चिकित्सक थे। विश्वभर में उन्हें एक महर्षि एवं आयुर्वेद विशारद के रूप में जाना जाते हैं। वे आयुर्वेद के प्रमुख ग्रंथ ‘चरक संहिता’ के रचयिता हैं। बीके शर्मा हनुमान ने कहा कि आज के समय में एक बार फिर लोग आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति की ओर लौट रहे हैं।
आयुर्वेद भारत की प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति है जिसके जनक आचार्य चरक हैं। लगभग 300-200 ई.पू. महर्षि चरक की गणना भारतीय औषधि विज्ञान के मूल प्रवर्तकों में होती है। हालांकि समयकाल को लेकर विद्वानों में मतभेद है। कुछ उन्हें कनिष्क के राजवैद्य बताते हैं तो कुछ लोग इन्हें बौद्ध काल से भी पहले का मानते हैं। मान्यतानुसार उनकी शिक्षा तक्षशिला में हुई थी। चरक संहिता में अष्टांग आयुर्वेद का वर्णन है। इसमें बीमारियों के उपचार की विधि तो है ही, कई स्थानों पर दर्शन और अर्थशास्त्र के विषयों भी उल्लेखित है।
आचार्य चरक ने कहा है कि यदि हम सही आहार, दिनचर्या, ऋतुचर्या व सदाचार के नियमों का पालन करें तो उत्तम स्वास्थ्य पा सकते हैं।आयुर्वेदाचार्य चरक द्वारा रचित चरक संहिता में आहार, स्वच्छता, रोगों से बचने के उपायों का उल्लेख है। साथ ही सोना, चांदी, लोहा पारा आदि धातुओं के भस्म एवं उनके उपयोग का भी वर्णन किया गया है। हालांकि उनका नाम आयुर्वेद के लिए लिया जाता है लेकिन महर्षि चरक आयुर्वेद के साथ सभी शास्त्रों के ज्ञाता थे। मानवता के कल्याण के लिए रचित आपका प्रसिद्ध आयुर्वेद ग्रंथ ‘चरक संहिता’ अनंत काल तक मनुष्य के स्वस्थ और आनंददायी जीवन का सशक्त आधार बना रहेगा। महर्षि चरक के चरणों में प्राइवेट चिकित्सक वेलफेयर एसोसिएशन का कोटिश: प्रणाम!
इस अवसर पर डॉ एके जैन कुमार देवाशीष ओझा डॉ एन एस तोमर डॉ विनीत कुमार रुखसाना परवीन डॉक्टर मिलन मंडल डॉक्टर संजय कुशवाहा डॉक्टर मुसव्विरअली डॉक्टर नूर मोहम्मद अंजार उल हसन डॉक्टर सचिन भारती राशिद अरुण त्रेहन श्रीकांत मलिक मौजूद थे।