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गाजियाबाद :- स्वास्थ्य जागरूकता अभियान के तहत आज दिनांक 15 अगस्त को "संत निवास" शिव मंदिर ,नेहरू नगर  सेकेंड में एक शिविर का  आयोजन किया गया। जिसमें निःशुल्क आरा परीक्षण और प्राकृतिक चिकित्सा व घरेलू आयुर्वेद द्वारा विभिन्न रोगों के निदान का परामर्श  दिया गया। 
स्वास्थ्य जागरूकता अभियान में आरा चिकित्सा विज्ञान द्वारा वर्तमान व सम्भावित दोषों की जांच जिसके अंतर्गत शरीर में वाइटल एलिमेंट्स, सभी आवश्यक अंग व भावनात्मक तथा मानसिक स्तर की जांच की गई। इस शिविर के मुख्य प्रवक्ता एंव आयोजन कर्ता प्राकृतिक चिकित्सक डॉ. राजीव वैष्णवे , वैद्य जया चौधरी व डॉ. पी. के. वर्मा  थे। 
     
डाॅ. वर्मा ने बताया की किस तरह से प्राकृतिक  चिकित्सा में किस प्रकार उन्हीं तत्वों के द्वारा चिकित्सा की जाती है जिनसे हमारे शरीर का निर्माण हुआ है।  पांच तत्व अग्नि, वायु, आकाश, जल और पृथ्वी।डाॅ. वैष्णवे ने  बताया कि कैसे आॅरा चिकित्सा विज्ञान द्वारा शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्थिति का आने वाले 20-25 वर्षों में शरीर में होने वाले परिवर्तन या किसी भी समस्या के बारे में जाना जा सकता है।  सभी को विस्तार से समझाते हुए  उन्होंने इसी विषय पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  की एक आॅडियो क्लिप भी सभी को सुनवाई। वैद्य जया चौधरी जिन्हें आयुर्वेद और जडी बूटियों की पूर्ण रूप से जानकारी है, उन्होंने आरा अवलोकन कराने वाले व्यक्तियों को उनके बारे में विस्तार से बताया। 
       
इस शिविर में प्राकृतिक चिकित्सा  का  तीन वर्षीय डिप्लोमा कोर्स कर इंटर्नशिप करने वाले छात्र एंव छात्राओं ने  जो राजनगर सैक्टर-2 स्थित "स्वामी भास्करानन्द वैदिक क्योर सेन्टर" से इन्टर्नशिप कर रहे हैं उन्होंने  भी  जांच में भाग लिया ।ममता  अग्रवाल (नैचुरोपैथ) ने किसी निजी समस्या के कारण अनुपस्थित होते हुए भी हाॅल प्रबन्धन के कार्य की पूर्ण रूप से जिम्मेदारी निभाई ।  जे. पी. सिंह  (नैचुरोपैथ ) ने सभी आने वाले व्यक्तियों के नाम लिख कर आरा परीक्षण कराने के लिए टोकन वितरण का कार्यभार सम्भाला। 
       
डाॅ. नमिता यश( मेडिटेशन शिक्षिका) ने मंच संचालन किया। वह  रेनू तेवतिया (योग शिक्षिका ) के साथ आरा अवलोकन में डाॅ. राजीव वैष्णवे व वैद्य जया चौधरी की सहयोगी रहीं। शोभा बंसल (रेकी मास्टर हीलर) और अर्चना शर्मा (  योगगुरु व  रेकी मास्टर हीलर ) ने आरा एवं चक्र परीक्षण का कार्य सम्भाला।शिविर में कुल मिलाकर लगभग 50 के करीब महिला और पुरुषों की भागीदारी रही ।सभी का आरा और चक्र परीक्षण के पश्चात डिवाइस द्वारा उनके शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक जांच की गई और उनके शरीर में बढे या घटे कफ, वात, पित्त  के बारे में जानकारी दी गई और इन्हें ठीक करने के लिए कुछ घरेलू उपचार के साथ-साथ प्राकृतिक चिकित्सा, दिनचर्या और खानपान के बारे में जानकारी दी गई। यह शिविर प्रातःकाल 10 बजे से अपराह्न 4 बजे तक अनवरत चलता रहा।
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