रिपोर्ट :- विकास शर्मा

उत्तराखण्ड/हरिद्वार :- देश में जहां ऑनलाइन लेनदेन से आम लोगों के जन जीवन को सरल बनाया गया है। वहीं ऑनलाइन ठगी के कई लोग शिकार बन कर अपनी अमूल्य धनराशि गवा चुके हैं। इन ठगी करने वाले लोगों ने नए-नए तरीके अपनाकर आम लोगों को अपना शिकार बनाया है।                                                               
आज के आधुनिक युग में ऑनलाइन के माध्यम से हर प्रकार के लेनदेन प्रक्रिया डिजिटल रूप में अमल में लाई जा रही है। छोटे-मोटे भुगतान से लेकर बिजली, पानी व अन्य बिलो के साथ-साथ सरकारी और गैर सरकारी लेनदेन तथा बैंकों के कामकाज एप्स के माध्यम से सरकार जनता को डिजिटल भुगतान हेतु प्रोत्साहित कर रही है। वही इस डिजिटल लेनदेन की प्रक्रिया के चलते साइबर ठगों ने भी नए-नए तरीके अपना कर लोगों को अपने ठगी का शिकार बनाना आरंभ कर दिया है। 

ऑनलाइन ठगी में पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी इस ठगी में शामिल हो गई है। इन साइबर ठग महिलाओं द्वारा युवा पुरुष वर्ग को व्हाट्सएप और फेसबुक के माध्यम से अपना शिकार बनाया जा रहा है। साइबर ठगों द्वारा मोबाइल नंबर पर बैंक खाता धारियों के बैंक खाता बंद करने तथा बैंक को जानकारी तथा केवाईसी अपडेट के सूचना के माध्यम से खाता धारियों को अकाउंट की जानकारी लेकर उनकी गाड़ी कमाई पर डाका डाला जा रहा है। साइबर् ठग खाता धारियों से जानकारी लेकर अपने बैंक खाते में ट्रांसफर कर लाखों रुपए की धोखाधड़ी कर रहे हैं। कई लोग इनकी ठगी का शिकार बन कर अपनी अमूल्य धनराशि गवा चुके हैं।                                         
सरकार द्वारा इस साइबर ठगी को रोकने हेतु लोगों को सूचनाओं और विज्ञापनों के माध्यम से जागरूक किया जाता रहा है। साइबर ठगी को रोकने के लिए सरकार द्वारा  साइबर क्राईम सेल की भी स्थापना की गई है। लेकिन इन साइबर ठगों द्वारा नए-नए ठगी के तरीके अपनाकर लोगों को अलग अलग तरीके से लूटा जा रहा है। ऐसे में सरकार की सतर्कता व जनता कि जागरूकता से ही इस साइबर क्राइम ठगी पर अंकुश लगाया जा सकेगा।
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