पत्रकार सुशील कुमार शर्मा की कलम से......✍🏻

गाजियाबाद :- महानगर के नवरत्नों में शुमार गाजियाबाद के प्रताप विहार निवासी देश के प्रसिद्ध हास्य -व्यंग्य लेखक सुभाष चन्दर (62 वर्ष ) को व्यंग्य लेखन के देश के सभी प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा जा चुका है। उन्हें मिले प्रमुख सम्मानों में- पं. श्री नारायण चतुर्वेदी  सम्मान, उत्तर प्रदेश सरकार/ इंदिरा गांधी राष्ट्रीय पुरस्कार,भारत सरकार/डॉ . मेघनाथ साहा पुरस्कार, भारत सरकार/ व्यंग्य श्री सम्मान -2016/ शरद जोशी सम्मान- 2015, उत्तर प्रदेश सरकार/अट्टहास सम्मान/साहित्यगंधा सम्मान  / हरिशंकर परसाई सम्मान/सृजन सम्मान व सृजनकुंज सम्मान आदि सम्मानों से उन्हें सम्मानित किया जा चुका है।
      
भारत सरकार के एक उपक्रम  में निदेशक  हिन्दी के पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बाद से वह टाईफैक विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग में हिन्दी परामर्शदाता के पद पर कार्यरत हैं। व्यंग्य की 18 पुस्तकों सहित कुल 48 पुस्तकों (राजभाषा, विज्ञान, बाल साहित्य आदि) का लेखन उन्होंने किया है। उनकी चर्चित कृति है- "हिन्दी व्यंग्य का इतिहास"। व्यंग्य कृतियां- अक्कड-  बक्कड़ (व्यंग्य उपन्यास),माफ कीजिये  श्रीमान, इंसानियत का शो,आइये स्वर्ग चलते हैं, कल्लू मामा जिंदाबाद,थोडा हंस ले यार,बेबी किलर,हद कर दी आपने, हंसती हुई कहानियां, बजरंगी लल्ला की बरात, श्रेष्ठ हास्य व्यंग -सुभाष चन्दर , चुनींदा व्यंग्य -सुभाष चन्दर, गौरतलब व्यंग्य, मेरी व्यंग्य कथाएं आदि व्यंग्य संग्रह है। अन्य कृतियां हैं -सरकारी कामकाज में हिंदी, विज्ञान के क्षेत्र में भारत, भारत में कंप्यूटर क्रांति, चार्ली चैपलिन की कहानी,जब आसमान से तारे तोडे  आदि हैं।
    
 सुभाष चन्दर  ने टेलीविजन और रेडियो के लिए 100 से अधिक धारावाहिक का लेखन  किया है। इंडिया टुडे, नवभारत टाइम्स,हंस, वर्तमान साहित्य, हिंदुस्तान, आउटलुक, चौथी दुनिया आदि में लेखन और अनेक विश्वविद्यालयों और संस्थानों में उनके मुख्य वक्ता के रूप में वक्तव्य जारी है।
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