◼️शिवयोग में होगा अहोई अष्टमी का व्रत

◼️पुत्र संतान की दीर्घायु के लिए महिलाएं रखती हैं व्रत



रिपोर्ट :- अजय रावत

गाज़ियाबाद :- आध्यात्मिक गुरु एवं ज्योतिषाचार्य शिव कुमार शर्मा 17 अक्टूबर दिन सोमवार को शिवयोग में अहोई अष्टमी का व्रत रखा जाएगा। यह व्रती महिलाएं अपने पुत्र संतान की स्वास्थ्य विद्या बुद्धि बल के लिए करती हैं।
माताएं पूरे दिन निराहार व्रत रखें। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पुत्रवती महिलाओं को सब्जी अथवा फल चाकू से नहीं काटने चाहिए। शाम को तारा निकलने के बाद दीवार पर अहोई का चित्र बनाकर अहोई की पूजा करें। कहानी सुनते समय एक पटरे पर जल से भरा लोटा रखें। गेरू व खड़िया से दीवार पर अहोई माता का चित्र बनाएं अथवा कैलेंडर चिपकाएं।
 
उन्होंने बताया कि फिर चांदी की बनी हुई एक अहोई रखें। अथवा अपने पीहर से मंगवाई हुई अहोई की माला का भी पूजन करें। उसमें चांदी के दो मोती डालें। संतान की संख्या के अनुसार चांदी की गोली मोती उस माला में डालते रहें। अहोई के चित्र के सामने रोली, चावल,धूप ,दीप,  दूध, भात आदि पूजन सामग्री  से पूजा करें। पूजा के पश्चात अहोई की माला पहन लें। तत्पश्चात बायना पूजकर अपनी बुजुर्ग सासु अथवा जेठानी को दे दें। इस दिन पहनी हुई चांदी की अहोई की माला दिवाली बाद ही उतारें। शाम को कुछ महिलाएं तारा देख कर व्रत खोलती हैं और कोई चंद्रमा उदय के समय व्रत खोलती हैं।

उन्होंने बताया कि 17 अक्टूबर को चंद्रमा का उदय रात्रि 23:27 बजे होगा और तारे के दर्शन शाम को 6:15 बजे होंगे। उपरोक्त समय में तारे को अथवा चन्द्र को जल का अर्घ देकर व्रत खोलें। अहोई माता का व्रत करने से पुत्रवती महिलाओं के पुत्रों की रक्षा होती है और उनकी आयु बढ़ती है
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