रिपोर्ट :- वेदप्रकाश चौहान

उत्तराखण्ड/हरिद्वार :- सात साल बीत जाने के बाद भी चित्रा टाकिज के सामने से अतिक्रमण के नाम से उजाड़े गये लघु व्यापारियों को न्याय नहीं मिल पाया। जबकि सुर्प्रीम कोर्ट के वर्ष 2015 में विकल्प दिये जाने के बावजूद कोर्ट के आदेशों की अनदेखी की जा रही है। आज भी लघु व्यापारी प्रशासन से न्याय मिलने की उम्मीद में दर दर की ठोकरे खाने के लिए मजबूर है।

बताते चले कि वर्ष 2010 में प्रशासन ने चित्रा टाकिज के सामने सौ से अधिक लघु व्यापारियों को अतिक्रमण आड़ में उजाड़ दिया था। लघु व्यापारियों द्वारा प्रशासन का विरोध करने पर व्यापारियों के खिलाफ बलवा, सरकारी काम में बाधा समेत कई दर्जन लघु व्यापारियों के खिलाफ मुकदमें दर्ज किये गये। व्यापारी प्रशासन की तानाशाही को लेकर सुर्प्रीम कोर्ट की शरण में चले गये। 

जहां से लघु व्यापारियो के पक्ष में सुर्प्रीम कोर्ट की ओर से वर्ष 2015 में प्रशासन को उजाड़े गये लघु व्यापारियों को विकल्प देने के आदेश दिये थे। लेकिन आज तक प्रशासन की ओर से सुर्प्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं कराया जा सका है जिसको लेकर लघु व्यापारियों द्वारा समय समय पर प्रशासन समेत शासन और सरकार को ज्ञापन देकर सुर्पीम कोर्ट के आदेश का पालन करने की याद दिलाता रहा है। मगर उसको बावजूद प्रशासन की कान में जूं तक नहीं रेंगी। लघु व्यापारी आज भी न्याय पाने की उम्मीद में दर दर की ठोकरे खाने के लिए मजबूर है।
Previous Post Next Post