रिपोर्ट :- विकास शर्मा

उत्तराखण्ड/हरिद्वार :- विजयदशमी के दिन कनखल स्थित महानिर्वाणी श्री पंचायती अखाड़ा में संतो द्वारा अखाड़े में शस्त्रों की विधि विधान से पूजा कर दशहरे का त्यौहार मनाया। संतों की नगरी कनखल स्थित श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े में साधु संतों ने दशहरे में अखाड़े के देवताओं के रूप में श्री सूर्य प्रकाश और श्री भैरव प्रकाश नामक भालों के साथ गंगाजल और पंचामृत के साथ शस्त्रों की विधि विधान पूजा की। 

पूजन अवसर पर महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव महंत रविंद्र पुरी महाराज ने बताया कि सन्यासी परंपरा में आज के दिन शस्त्रों की पूजा का विशेष महत्व है। हजारों वर्ष पूर्व आदि गुरु शंकराचार्य ने अखाड़ों की स्थापना की थी। उन्होंने अखाड़ों में नागा संन्यासियों को शास्त्र के साथ-साथ शस्त्रों का भी ज्ञान दिया था। 

महानिर्वाणी अखाड़े के नागा सन्यासी ने सनातनी मठ मंदिरों के साथ धर्म की रक्षा हेतु कई युद्ध किए हैं। इसीलिए सन्यासी परंपराओं में इन शस्त्रों की पूजा का दशहरे के दिन विशेष महत्व माना गया है। इसी परंपरा का निर्वाह करते हुए आज  विजयदशमी के दिन शस्त्रों का विधि विधान से पूजन किया गया।
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