रिपोर्ट :- अजय रावत

गाज़ियाबाद :- एम.एम.एच . कॉलेज के इतिहास विभाग द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में-भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष में जिला गाजियाबाद की भूमिका (1857-1947 ई.) विषय पर एक अतिथि व्याख्यान का आयोजन   ऑडिटोरियम हॉल में किया गया।कार्यक्रम मे मुख्य वक्ता प्रख्यात इतिहासकार प्रोफेसर विघ्नेश कुमार विभागाध्यक्ष इतिहास विभाग चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ रहे। 

प्रो विघ्नेश सन् 1737 में गाजीउद्दीन नगर से आज के गाज़ियाबाद बनने के इतिहास को क्रमबद्ध तरीके से साक्ष्यों के साथ प्रस्तुत किया। प्रो विघ्नेश ने स्वतन्त्रता आन्दोलन में गाजियाबाद क्षेत्र के अनेकों यादगार पहलुओं को रेखांकित करते हुए इसके योगदान को चमकदार सितारे के रूप में प्रस्तुत किया जिससे श्रोताओं में गाजियाबाद के प्रति अत्यंत गर्व की अनुभूति हुई। प्रो विघ्नेश ने गांधी जी के डांडी मार्च के दिन ही इस क्षेत्र में लोनी मार्च आयोजित कर नमक सत्याग्रह किए जाने के ऐतिहासिक महत्व से सभी को स्तब्ध कर दिया। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य प्रोफ़ेसर पीयूष चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव ने हमें तत्कालीन महत्वपूर्ण एवं विस्मृत तथ्यों को जानने का एक सुअवसर प्रदान किया है। इसी क्रम में विशिष्ट अतिथि अग्रसेन पी जी कालेज सिकंदराबाद के प्राचार्य डॉ संजय सिंह ने बताया कि गाजियाबाद जिले की स्थापना 14 नवंबर 1976 को तत्कालीन मुख्यमंत्री एन डी तिवारी द्वारा की गई। कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर ईशा शर्मा और संयोजन प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष वन्दना सेमल्टी तथा लक्ष्मी प्रकाश द्वारा किया गया ।  

कार्यक्रम में प्रो केशव कुमार ( अधिष्ठाता छात्र कल्याण ), डॉ वाई एस तोमर ( चीफ प्रॉक्टर ) डॉ प्रभा रानी, नागेन्द्र कुमार, वी एस यादव, डॉ एच के राय,  सूर्य प्रकाश, मूल चंद, आर एस यादव, अनिल गोविंदन, संजीत प्रताप सिंह, शैलेन्द्र गंगवार, मनोज कुमार, कल्पना दुबे, क्रांति बोध, पारितोषि मणि, वीरेंद्र सिंह, उत्तम कुमार, स्वाति ठाकुर , राकेश कुमार, सुरेखा अहलावत, सुभाषिनी शर्मा, आभा दुबे, राखी द्विवेदी, गौतम बनर्जी, सुता कुमारी, अल्का व्यास, गार्गी, सुनयना त्रिशल, अपर्णा मल्होत्रा, अनिल सिंह तथा बड़ी संख्या में शोधार्थी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
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