रिपोर्ट :- अजय रावत

गाज़ियाबाद :- बाल दिवस राष्ट्र के कर्णधारों में सद्गगुणों के बीज बोने का दिन का है। अच्छी शिक्षा ,प्रेम , अच्छे व्यवहार के जलसिंचन से यह बीच अंकुरित  होंगे ,पुष्पित होंगे और उनकी खुशबू से देश फलेगा और फूलेगा और इसी भावना को ध्यान में रखते हुए एस.एस.डी जैन पब्लिक स्कूल में बाल दिवस बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सभी छात्र- छात्राओं को इस अवसर पर जैन मंदिर के दर्शन करवाए गए एवं चंदन का तिलक और पुष्प वर्षा के साथ स्वागत किया गया। जिससे बच्चों में उत्साह और उमंग देखते ही बनता था।
बच्चों के मनोरंजन के लिए ने अध्यापिकाओ ने नृत्य प्रस्तुत किया।इस अवसर पर अध्यापिका प्रीति, स्वाति और विधि, रचना, मीनाक्षी एवं आशु  ने नृत्य प्रस्तुत करके बच्चों का मन मोह लिया। बच्चों ने करतल ध्वनि से सभी अध्यापिकाओ का स्वागत किया।

इस अवसर को और खास बनाने के लिए बच्चों के लिए प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया था। इनमें कुकिंग विदाउट फायर ,कला प्रतियोगिता ,स्लोगन राइटिंग, योग से संबंधित खेल भी कराए गए जिससे बच्चे स्वास्थ्य के महत्व को समझें। खेलों के माध्यम से बच्चों को यह भी समझाया गया कि अपनी प्रकृति को हमें किस तरह से संरक्षित करना है। छोटे बच्चों के लिए बहुत सारी प्रतियोगिताएं थी जैसे हर्डल रेस, दौड़ प्रतियोगिता ,फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता इसके अतिरिक्त कुकिंग प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया जिसका विषय था सब्जियां एवं फल। बच्चों ने इन सब के बारे में इतनी सुंदर प्रस्तुति दी जो देखते ही बनती थी। 

इस प्रतियोगिता के माध्यम से बच्चों में फलों और सब्जी के प्रति लगाव पैदा करना मुख्य उद्देश्य था। ऐसे ही अवसरों पर छात्रों को जहां  अपने टीचर्स के खुशमिजाज और मस्ती भरे पहलू देखने को मिलता है वही टीचर्स को भी अपने छात्रों की कई छिपी हुई प्रतिभाओं के बारे में पता चलता है। 14 नवंबर भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती के रूप में मनाया जाता है। नेहरू बच्चों के प्रति स्नेही थे और भारत में बच्चों की शिक्षा और अधिकारों को प्राथमिकता देने की बात करते थे इसीलिए बच्चे उन्हें चाचा नेहरू बुलाते थे। लोगों को बच्चों के अधिकार ,शिक्षा और देखभाल के बारे में जागरूकता बढ़ाना ही इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य है।

इस अवसर पर विद्यालय के मंत्री अजय कुमार जैन ने उपस्थित होकर बच्चों का उत्साहवर्धन किया और अपना शुभाशीष भी बच्चों को दिया उनका कहना था कि आज के बच्चे कल के भारत का निर्माण करेंगे हम जितनी बेहतर तरीके से बच्चों की देखभाल करेंगे राष्ट्र निर्माण भी उतना ही बेहतर होगा इसलिए आज के दिन अगर हम बालकल्याण की बात नहीं करेंगे तो यह सही नहीं होगा ।दरअसल बाल दिवस की शुरुआत किए जाने का असल मकसद ही बच्चों की जरूरतों को पहचानना उनके अधिकारों की रक्षा करना और उनके शोषण को रोकना था ताकि बच्चों का समुचित विकास हो सके लेकिन सच्चाई तो यह है कि आज भी देश में हजारों लाखों बच्चे बाल मजदूरी में लिप्त हैं उन्हें शिक्षा का अधिकार नहीं मिल पा रहा है।

बाल श्रमिक ,बाल मजदूरी की समस्या हर राज्य में व्याप्त है। छोटे बच्चों से मजदूरी की तरह कारखानों दुकानों में काम करवाया जा रहा है ।इस अवसर पर हमें यह प्रयत्न करना चाहिए कि  जैसा भी संभव होगा हम बाल शोषण व बाल मजदूरी को रोके, बच्चों को शिक्षा दिलाने की हर संभव कोशिश करेंगे तभी हमारे बच्चों का समुचित विकास हो पाएगा और नेहरू के सपनों के राष्ट्र का निर्माण हो सकेगा।
विद्यालय की प्रधानाचार्य लता चंदा ने इस अवसर पर बोलते हुए बच्चों को अपना आशीर्वाद औरअध्यापिकाओं द्वारा किए गए सुंदर आयोजन और उनके प्रयास के लिए उनकी भूरी भूरी प्रशंसा की एवं उपस्थित सभी जनों का हार्दिक आभार व्यक्त किया।
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