रिपोर्ट :- विकास शर्मा  

उत्तराखण्ड/हरिद्वार :- शंकराचार्य पर चल रहे विवाद के तहत आगामी 12- 13 दिसंबर को संतो और विद्वानों का एक सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। जिस पर विवादित शंकराचार्य और स्वयंभू शंकराचार्य की स्थिति पर विचार विमर्श कर चर्चा की जाएगी।         

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के ब्रह्मलीन हो जाने के बाद ज्योतिष पीठ को लेकर छिड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।विदित हो स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का पूरे विधि विधान से जोशीमठ पीठ पर पटा अभिषेक हो गया है तो वहीं कई अखाड़े और साधु संत अभी भी स्वामी अवधेशानंद को अपना शंकराचार्य मानने से इंकार कर रहे हैं और विरोध कर रहे हैं।                                           

वही अब काशी के बाद हरिद्वार में भी शंकराचार्य परिषद एक विद्वत सभा कराने जा रहा है जिसमें सभी विद्वानों ओर साधु संतों को बुलाया जाएगा जिसमें मठआम्नाय और ज्योतिष पीठ व आने वाले समय में स्वयंभू शंकराचार्य ना बने इस को लेकर चर्चा की जाएगी। हरिद्वार में आयोजित सभा के बारे में स्वामी आनंद स्वरूप ने बताया की देश में बढ़ते हुए स्वयंभू शंकराचार्य को देखते हुए हमने यह फैसला लिया है कि 5 स्थलों पर विद्वत सभा का आयोजन किया जाएगा।

जिसमें 4 कुंभ स्थल और एक अयोध्या इन स्थानों को चुना गया है काशी में विधानसभा सफल हो चुकी है वहीं अब हरिद्वार में दो दिवसीय विद्वत सभा करने का निर्णय लिया है जो कि 12 और 13 दिसंबर को हरिद्वार में आयोजित की जाएगी फिलहाल अभी स्थान चयनित नहीं किया गया है लेकिन हमारी कोशिश है कि इसे निरंजनी अखाड़े में कराया जाए जिसके लिए हम अखाड़ा परिषद अध्यक्ष व निरंजनी अखाड़े के सचिव से वार्तालाप करेंगे।
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