◼️इक्कीसवीं सदी नारी सदी: शैफाली पण्ड्या



रिपोर्ट :- वेदप्रकाश चौहान

उत्तराखण्ड/हरिद्वार :- गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में चल रहे राष्ट्रीय सक्रिय कार्यकर्त्ता शिविर के सातवें सत्र को संबोधित करते हुए गायत्री विद्यापीठ प्रबंध समिति की प्रमुख शेफाली पण्ड्या ने कहा कि इक्कीसवीं सदी नारी सदी होगी। जिसकी शुरुआत गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पूज्य पं श्रीराम शर्मा आचार्य ने दशकों पहले कर दिया था। उन्होंने तब अबला मानी जाने वाली नारियों को गायत्री महामंत्र की दीक्षा देकर जप, तप करने के लिए प्रेरित और प्रशिक्षित किया। यज्ञ, संस्कार जैसे वैदिक विधानों के संचालन का अधिकार दिया। वर्तमान समय में गायत्री परिवार की लाखों बहिनें विशाल आश्वमेधिक यज्ञों सहित विभिन्न संस्कारों का पौरोहित्य कार्य करती हैं।
  
पण्ड्या ने कहा कि जागृत, प्रशिक्षित नारी ही परिवार और समाज में सुसंस्कारिता, पवित्रता और संवेदना की गंगोत्री का प्रवाह पैदा कर सकती हैं। इससे जहाँ एक ओर नारियाँ स्वावलंबी बनेंगी, वहीं दूसरी ओर अपनी आवाज उठाने में सक्षम हो पायेंगी। उन्होंने कहा कि युगऋषि पूज्य आचार्य ने देश भर में नारी जागरण अभियान को गति देने के लिए बहिनों के साथ साथ भाइयों को भी तैयार किया। 

गायत्री परिवार की संस्थापिका माता भगवती देवी शर्मा ने नारी जागरण को गति प्रदान करते हुए नारियों को प्रशिक्षित करने के विविध आयोजनों की नींव रखीं। उस नींव पर संस्था की अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैलदीदी के नेतृत्व में बनी भव्य इमारत के रूप में सशक्त बहिनों की टीम को देखा जा सकता है।
वहीं श्यामबिहारी दुबे ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए युगधर्म को निभाने के लिए प्रेरित किया और समाज के विकास में समयदान और अंशदान नियमित रूप से करने का आह्वान किया।

प्रो. विश्वप्रकाश त्रिपाठी ने माताजी की जन्मशताब्दी वर्ष 2026 तक की कार्ययोजनाओं पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर डॉ. गायत्री शर्मा सहित उप्र, मप्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़, दिल्ली सहित 16 राज्यों से आये प्रतिभागीगण मौजूद रहे।
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