सुशील कुमार शर्मा, स्वतंत्र पत्रकार

गाजियाबाद :- धानु,ऋषिकेश रोड,  देहरादून  स्थित  स्वामी भास्करानंद आयुर्वेद शोध संस्थान के स्वामी भास्करानंद की सुपुत्री डॉ. जया चौधरी ने अपने सहयोगी डॉ.राजीव विश्नोई के साथ गाजियाबाद में *स्वामी भास्करानंद वैदिक क्योर सेंटर* की स्थापना 28 जनवरी से गाजियाबाद  के एसके-114, शास्त्री नगर (डायमंड पैलेस के सामने मुख्य रोड पर, फ्लाईओवर से पहले ) की जा रही है। योगाचार्य एवं थेरेपिस्ट अर्चना शर्मा ने बताया कि आज के अतिआधुनिक जीवन में मशीनों के साथ रहते हुए इन्सान स्वयं भी मशीन बन कर रह गया है ,उसे अपने और अपने बच्चों की आधुनिक सुविधाओं का प्रत्येक नहीं बल्कि ज्यादा से ज्यादा सामान चाहिए और उसे प्राप्त करने के चक्कर में वो अपनी प्राथमिकता को भूल चुका है। उन्हें यह भी याद नहीं कि बच्चों को सुविधाओं के साथ एक सशक्त स्वास्थ्य और सहज और संस्कारित जीवन भी चाहिए। जिससे वो समय और धन की कीमत समझ सकें। 

इस मशीनी जीवन शैली में उनके पास अपने परिवार के साथ समय व्यतीत करने के लिए ही समय नहीं है सुख सुविधाओं को जुटाने के लिए वो भागता रहता है। यहां तक कि उन सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए भी उसे समय नहीं मिल पाता । देर रात  हानिकारक  भोजन करना ,देर रात तक जागना ,सुबह देर तक सोना ,ऐसे में लगभग 75 प्रतिशत लोगों ने तो ना जाने कितने ही वर्षों से सुबह अरुणोदय ही नहीं देखा है। अनियमित दिनचर्या, बेमेल और बेवजह बेवक्त भोजन करने के कारण लगातार उनकी शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक क्षति होती जा रही है । ऐसी स्थिति में हम यही कह सकते हैं कि हम स्वयं बिमारियों को निमंत्रण दे रहे हैं कि वो आकर हमारे जीवन में डेरा जमा ले।
        
उन्होंने कहा अगर हमें अपने जीवन को स्वस्थ रखना है तो आधुनिक सुविधाओं के साथ-साथ अपनी प्राचीन विधाओं को भी याद करना पडेगा और जीवन में कुछ समय स्वयं को पहचानने के लिए निकालना पडेगा और जीवन के महत्व के साथ अपने शरीर, श्वासों और मस्तिष्क की भाषा और जरूरत को समझना पडेगा। अब प्रश्न उठता है कि कैसे और कौन समझायेगा यह सब हमें ? तो इसका उत्तर है इसी उद्देश्य से यह निःशुल्क सेमिनार  जीवन को जीने की कला को समझाने के लिए के लिए रखा गया है। हमें प्राचीन विधाओं को समझाने और शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक क्षति को रोककर  जीवन व्यवस्थित करने के लिए किसी योग्य गुरु की आवश्यकता है। इस सेमिनार में आध्यात्मिकता,आयुर्वेदाचार्य और गीता के गूढ़ ज्ञान के साथ-साथ नाड़ी- परीक्षण में महारत प्राप्त करने वाले  गुरु भास्कानन्द  ( स्वामी भास्करानन्द आयुर्वेद शोध संस्थान, धानु,  ऋषिकेश रोड ,देहरादून) के मुखारविन्द से आध्यात्मिक चर्चा और आयुर्वेद के माध्यम से शारीरिक और मानसिक रूप से स्वयं को कैसे स्वस्थ रख सकते हैं। इसी के साथ नाड़ी परीक्षण का लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं। स्वामी भास्करानन्द वैदिक क्योर सेन्टर , एसके-114-शास्त्री नगर,  डायमंड पैलेस के सामने, गाजियाबाद में 28-1-23 को 12 बजे से 3 बजे तक निशुल्क अध्यात्मिक  एवं आयुर्वेदिक  सेमिनार का आयोजन होगा।  अगले दिन  29-1-23 को सुबह 6 बजे से 11 बजे तक नाडी परीक्षण होगा। इसके लिए पंजीकरण कराना आवश्यक होगा।
   
उन्होंने बताया कि स्वामी भास्करानन्द वैदिक क्योर सेन्टर में प्राकृतिक चिकित्सा, आयुर्वेद, अरोमा थैरेपी,  माइक्रो करंट थैरेपी,  पंचकर्म थैरेपी, एक्युप्रेशर,योग,रेकी,फाइटोथैरेपी, सुजौक आदि की सुविधाएं उपलब्ध  हैं। अतः इन प्राचीन विधाओं के साथ अपनी दिनचर्या को थोड़ा सा बदलकर अपने जीवन को स्वस्थ सहज और सरल बनाया जा सकता है।
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