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गाजियाबाद :- कथा व्यास विष्णु दत्त सरस ने कहा कि भगवान कृष्ण ने इंद्र के प्रकोप से बचाने व प्रकृति संरक्षण का संदेश देने के लिए गोवर्धन लीला की थी। हमें इस लीला के संदेश को समझना चाहिए और प्रकृति के साथ खिलवाड करने की बजाय उसका संरक्षण करना चाहिए। मेरठ रोड स्थित विला आनंदम सोसायटी में आयोजित भागवत कथा में मंगलवार को  कथा व्यास विष्णु दत्त सरस ने कहा कि प्रकृति के साथ खिलवाड करने का ही नतीजा है कि आज कई प्रकार की विपदाएं आ रही हैं और हमें कई प्रकार के कष्टों का सामना करना पड रहा है। 

भगवान कृष्ण ने इंद्र के प्रकोप से गाय, गोप-गोपियों, ग्वाल-बाल को बचाने के लिए गोवर्धन लीला की थी। गोवर्धन महाराज और कोई नहीं साक्षात भगवान कृष्ण का ही स्वरूप हैं। प्रकृति संरक्षण का संदेश देने के लिए ही उन्होंने गोवर्धन महाराज का स्वरूप लिया। यही कारण है कि गोवर्धन महाराज की पूजा-अर्चना करने से हर प्रकार का कष्ट दूर होता है और सुखों की प्राप्ति होती है। हम प्रकृति का संरक्षण करेंगे, तभी भगवान हमारा संरक्षण करेंगे। हमें समझना होगा कि जब तक प्रकृति है तब तक ही हमारा अस्तित्व है। अतः हमें प्रकृति के संसाधनों का दुरूपयोग बंद कर उनका सदुपयोग करना चाहिए। कथा के मुख्य यजमान योगेश कंसल, सुमन, पल्लवी, अभय कंसल, आदित्य गुप्ता, अजय त्यागी आदि ने कथा व्यास का स्वागत किया।
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