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गाजियाबाद :- आचार्य दीपक तेजस्वी ने बताया कि गुरूवार 26 जनवरी को पंचमी तिथि सुबह 10 बजकर 34 मिनट तक रहेगी। ऐसे में उदया तिथि होने से बसंत पंचमी का पर्व गुरूवार 26 जनवरी को ही मनाया जाएगा। आचार्य दीपक तेजस्वी ने बताया कि माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ही ज्ञान की देवी मां सरस्वती का अवतरण हुआ था। इसी कारण इस पर्व का विशेष महत्व है। बसंत ऋतु की शुरूआत भी इस पर्व से ही होती है। इस पर्व पर मां सरस्वती की पूजा करने से उनके साथ मां महालक्ष्मी व व मां महाकाली की कृपा भी प्राप्त होती है। 

गुरुवार को मां सरस्वती की पूजा का मुहूर्त प्रातः 07.12 मिनट से  दोपहर 12.34 मिनट तक रहेगा। आचार्य दीपक तेजस्वी ने बताया कि इस बार के पर्व का महत्व और भी अधिक है क्योंकि एक तो उसी दिन गणतंत्र दिवस भी है। साथ ही 20 वर्ष बाद चार शुभ संयोग भी बन रहे हैं। ये चार शुभ संयोग शिव योग, सिद्ध योग, स्वार्थ सिद्धि योग व रवि योग हैं। शिव योग में की गई ध्यान-पूजा का विशेष फल मिलता है। 

सिद्ध योग में किए गए कार्य सिद्ध होते हैं। सर्वार्थ सिद्धि योग में कार्य करने से भी वे सफल, संपन्न और सिद्ध होते हैं। वहीं रवि योग किए गए कार्यों में सूर्य देव की कृपा मिलती है, जिससे अशुभता दूर होती है और शुभता की प्राप्ति होती है।
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