रिपोर्ट :- अजय रावत

गाज़ियाबाद :- दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम- 2016 की मूल भावना के अनुसार सुदूरवर्ती पिछड़े इलाको के लोगो (दिव्यांगजन) जो कि सरकार द्वारा उनके अधिकार एवं सुविधाओं हेतु चलाई जा रही योजनाओं/परियोजनाओं से जागरूक नहीं है, के मध्य जागरूकता बढाने के लिये और समाज में उनके साथ हो रहे भेदभाव को समाप्त कराने तथा पूर्ण एवं प्रभावी भागीदारी दिलाये जाने एवं उनकी शिकायतों/समस्याओं को त्वरित रूप स्थानीय स्तर पर निस्तारित कराए जाने के उददेश्य से राज्य मंत्री पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग उ0प्र0 नरेंद्र कश्यप की अध्यक्षता में दिव्यांगजनों की समस्याओं के निराकरण हेतु हिंदी भवन लोहिया नगर में मोबाइल कोर्ट का आयोजन किया गया। 

इस अवसर पर राज्य आयुक्त दिव्यांगजन उ0प्र0 अजीत कुमार एवं उपायुक्त दिव्यांगजन उ0प्र0 शैलेंद्र सोनकर भी उपस्थित रहे। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में राज्य मंत्री पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन विभाग उ0प्र0 नरेंद्र कश्यप के द्वारा दिव्यांगजनों के साथ विस्तृत वार्तालाप करते हुए उनकी समस्याओं को गहनता से सुना गया एवं उनके निस्तारण के संबंध में अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए गए। इस मौके पर उन्होंने दिव्यांगजनों को अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वह स्वस्थ रहे और उनका और अच्छे से भरण-पोषण हो एवं सशक्त बने। इसके साथ ही समाज के अच्छे नागरिक बने और समाज में उनका योगदान हो।

राज्य मंत्री ने कहा कि  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए बनी योजनाओं को लेकर आ रहे हैं। दिव्यांगजनों का भरण पोषण जो 2017 में केवल ₹300 होता था, वो अब वर्तमान सरकार में बढ़ाकर ₹1000 कर दी गई है जिसे आने वाले समय में इस राशि को ₹1500 करने के लिए प्रस्ताव बन चुका है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है कि देश के प्रत्येक दिव्यांगजन के जीवन में उजाला हो, मुख्यमंत्री की चाहत है कि उत्तर प्रदेश के दिव्यांगजन सशक्त हो मजबूत हो शिक्षा के रूप में आगे बढ़े जिसके लिए वर्तमान सरकार कृत संकल्पित है।
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