रिपोर्ट :- अजय रावत

गाज़ियाबाद :- समरकूल के चेयरमैन और भाजपा के वरिष्ठ नेता संजीव गुप्ता ने बताया कि महाशिवरात्रि का पर्व बहुत ही श्रृद्धा ओर उमंग के साथ मनाया जा रहा है। इस शिवरात्रि पर तीन ग्रहो का एक बहुत ही खास और दुर्लभ शुभ योग बन रहा है। इसलिए इस बार महाशिवरात्रि का बहुत बड़ा महत्व है। उन्होंने बताया कि महाशिवरात्रि का त्योहार हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। ऐसी मान्यताएं है कि इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था इसलिए, हर साल, उनके मिलन का जश्न मनाने के लिए यह त्योहार मनाया जाता है ऐसा भी कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों का धरती पर प्रकाट्य हुआ था तथा,  महाशिवरात्रि उस दिन को याद करने के लिए भी मनाई जाती है। जब भगवान शिव ने समुद्र से निकला विष पिया था और दुनिया को अंधकार और निराशा से बचाया था। 

इस बार महाशिवरात्रि का त्योहार शनिवार, 18 फरवरी को रात 8 बजकर 03 मिनट पर प्रारंभ होगा और इसका समापन रविवार, 19 फरवरी को शाम 04 बजकर 19 मिनट पर होगा क्योंकि महाशिवरात्रि की पूजा निशिता काल में की जाती है, इसलिए इस बार महाशिवरात्रि का त्योहार 18 फरवरी को ही मनाना उचित होगा इस साल महाशिवरात्रि का पर्व बेहद खास रहने वाला है।

संजीव गुप्ता ने कहा कि इस बार महाशिवरात्रि पर त्रिग्रही योग का निर्माण होने जा रहा है 17 जनवरी 2023 को न्याय देव शनि कुंभ राशि में विराजमान हुए थे अब 13 फरवरी को ग्रहों के राजा सूर्य भी इस राशि में प्रवेश कर गए है 18 फरवरी को शनि और सूर्य के अलावा चंद्रमा भी कुंभ राशि में होगा इसलिए कुंभ राशि में शनि, सूर्य और चंद्रमा मिलकर त्रिग्रही योग का निर्माण करेंगे इसे बड़ा ही दुर्लभ संयोग माना जाता है सभी को शिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी स्नानादि कर निवृत्त होकर घर के मंदिर में भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करते हुए व्रत का संकल्प लेना चाहिए तथा पूजा करते समय आपना मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए तथा भोले नाथ की पूजा करते हुए इस दिन एक स्वच्छ लोटे में जल में गंगा जल व दूध या दही डालकर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हुए " ऊं नम: शिवाय "  मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए। 

शिवरात्रि के दिन व्रत भी रखना चाहिए तथा शिवरात्रि की पूजा के दौरान शिव जी को दूध, दही, शहद, बेलपत्र, भांग, धतूरा, सफेद चंदन, मौसमी फल, गंगाजल, गाय का दूध, गाय का घी, सफेद फूल, गन्ने का रस, सफेद बूरा आदि चीजों को चढ़ाया जाना चाहिए भोलेनाथ का प्रिय रंग होता है इस दिन हरे रंग के अलावा संतरी, पीले, सफेद और लाल रंग के कपड़े भी धारण कर सकते है।
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