चर्चा: एक बड़े महंत की भूमिका भी इस प्रकरण में हुई थी उजागर, जिसे पूर्व मुख्यमंत्री के शासनकाल में दबा दिए जाने की शहरभर में हो रही चर्चा



रिपोर्ट :- वेद प्रकाश चौहान

उत्तराखण्ड/हरिद्वार :- महंत सुधीर गिरि हत्याकांड में आशीष शर्मा उर्फ टुल्ली को रुड़की कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। टुल्ली ने अरबपति बनने के लिए महंत की हत्या कराई थी। अब टुल्ली रुड़की जेल में बंद रहेगा, हालांकि अभी टुल्ली रुड़की कोर्ट के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेगा। 

चर्चा है कि सुधीर गिरी हत्याकांड में किसी एक महंत का नाम भी उस दौरान चर्चा में आया था। लेकिन बाद में सब आरोप टुल्लू द्वारा अपने ऊपर ले लिए गए। आखिर ऐसा क्या हुआ उक्त महंत व टुल्लू के बीच, जोकि आज भी एक बड़ा सवाल बना हुआ है जिसे पुलिस भी बाहर ना निकाल पाई। जिसकी सीबीआई मांग लम्बे समय तक बड़ा उदासीन के एक महंत द्वारा भी की गई, जिसे सिरे नहीं चढ़ने दिया गया।

शर्मा कंस्ट्रक्शन कंपनी का स्वामी आशीष शर्मा उर्फ टुल्ली (पुत्र सुभाष चंद्र शर्मा निवासी मोहल्ला म्याना, कनखल, हरिद्वार) कई वर्ष से महानिर्वाणी अखाडे़ में बतौर मुंशी कार्यरत था।

अखाडे़ के संतों से कम दामों में भूमि खरीदकर वह महंगे दामों में बेचता था। कॉलोनियों, अपार्टमेंट और दुकानें आदि बनाकर भी बेचता रहता था।

वर्ष 2004 में संत सुधीर गिरि ने सस्ते रेट में भूमि देने का विरोध किया। दोनों में इस बात को लेकर तकरार भी हुई और आशीष शर्मा को मुंशी पद से हाथ धोना पड़ा।

2006 में टुल्ली ने अखाड़े में वापसी की। वर्ष 2006 में टुल्ली ने फिर मुंशी के तौर पर अखाडे़ में वापसी की। एसएसपी ने बताया कि कुछ समय बाद टुल्ली ने स्वेच्छा से मुंशी पद छोड़ दिया। लेकिन रंजिश बरकरार रही।

टुल्ली ने अपने परिचित प्रॉपर्टी हाजी नौशाद (पुत्र मसीतुल्ला निवासी मॉडल टाउन, सरकुलर रोड, सिविल लाइन, मुजफ्फरनगर) से संपर्क साधा।

उसने टुल्ली की मुलाकात शूटर इमत्याज उर्फ जुगनू (पुत्र अशफाक निवासी खालापार रहमतनगर आजा मॉन्टेसरी स्कूल के पास मुजफ्फरनगर) और महताब उर्फ काला उर्फ शानू (पुत्र अनीस निवासी सूजडडू चुंगी मॉडल टाउन सिविल लाइन मुजफ्फरनगर) से कराई।

2012 में गोलियों से भूनकर कर दी थी
घटना से कई माह पूर्व तक शूटर महताब एवं इमत्याज बतौर ड्राइवर के तौर पर प्रॉपर्टी डीलर टुल्ली के साथ रहे और 14 अप्रैल 2012 को कनखल से पीछा करते हुए बेलड़ा गांव पहुंचने पर कार में सवार महंत सुधीर गिरि की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी।
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