रिपोर्ट :- अजय रावत

गाज़ियाबाद :- सत्येंद्र सिंह "पर्यावरणविद" ने होली के पर्व पर सभी से होली के अवसर पर एक कालोनी या एक सोसायटी में सिर्फ एक होली जलाने की अपील की है। हरे पेड़ों को न काटें तथा पर्यावरण की रक्षा करें। होली का त्यौहार पूरे उल्लास से मनायें लेकिन पर्यावरण का भी ध्यान रखें। पर्यावरण को बचाने के लिए हम जो भी करेंगे वो हम अपने बच्चों के लिए ही करेंगे। क्योंकि हमारे बच्चों को ही अब इसके दुष्प्रभाव झेलने पड़ेंगे। यदि हम एक कालोनी या एक सोसायटी में सिर्फ एक होली जलाएँगे तो पर्यावरण को बचाने में काफी मदद मिलेगी।

हमने कई मोहल्लों में यह मुहिम चलाई है और इस मुहिम के चलते कई होलिका उत्सव समितियां इस बात के लिए राजी हो गई हैं कि वे अपने मोहल्लों में अधिक स्थानों पर होने वाले होलिका दहन की संख्या कम कर कर कुछ स्थानों पर सामूहिक रूप से होली जलाएंगे, जिससे लकड़ी की बचत व पर्यावरण की सुरक्षा हो सके। उत्थान समिति के चैयरमैन सत्येन्द्र सिंह ने बताया कि वे समिति सदस्यों के साथ शहर में कई स्थानों पर जाकर होलिका उत्सव समितियों के लोगों से चर्चा कर रहे हैं। कई अन्य स्थानों की समितियों के लोग राजी हो गए हैं कि वे अलग-अलग स्थानों की बजाए एक स्थान पर होलिका दहन का सामूहिक आयोजन कर उत्सव मनाएंगे। उन्होंने बताया कि वे लोगों को बता रहे हैं कि जिन मोहल्लों में दस स्थानों पर होलिका दहन होता है, वहां दो-दो समितियों के ग्रुप बनाकर पांच स्थानों पर ही होली जलाएं। साथ ही लकड़ी का कम व कंडों का अधिक उपयोग करें। उन्हें यह भी बताया जा रहा है कि आवश्यक होने पर घरों में पड़ी अनुपयोगी लकड़ी का उपयोग किया जाए। लकड़ी का जितना कम उपयोग होगा, पेड़ उतनी ही संख्या में कम कटेंगे। सत्येंद्र सिंह पर्यावरणविद के अनुसार शहर में अभी डेढ़ हजार से अधिक स्थानों पर होलिका दहन होता है, जिसमें हजारों क्विंटल लकड़ी जलाई जाती है।

उन्होंने कहा कि लोगों से अपील कर रहे हैं कि वे होलिका दहन के लिए हरे-भरे वृक्षों को न काटें।

आम लोगों ने पर्यावरण को बचाने इस बार कंडों से होली जलाने का संकल्प लिया है। उत्थान समिति की पहल को लेकर स्थानीय लोगों का सतत सहयोग मिल रहा है। अपनी प्रकृति को सहेजने के लिये कंडे की होली जलाने के साथ जल संरक्षण के लिए सभी को प्रेरित किया जा रहा है। जंगल बचेंगे तो जीवन रहेगा बुराई का दहन तो कंडों से भी होगा। आओ जलाएं कंडों की होली की उत्थान समिति की पहल के तहत ब्लाक कॉलोनी में स्थानीय लोगों ने संकल्प लेकर अपने गांव घर के आसपास जंगल बचाने तथा कंडों की होली जलाने का संकल्प लिया।

हम अपनी प्रकृति को सहेजेंगे तभी जीवन बचेगा हमारे जंगल बचेंगे तभी जीवन चलेगा जल बिना कुछ नहीं है। इस होली में कंडे की होली जलाएंगे इसके लिए अन्य लोगों को भी प्रेरित करेंगे। हम जब तक अपनी जिम्मेदारी नहीं समझेंगे परिणाम नहीं आएंगे पर्यावरण संरक्षण का दायित्व हम सबका है। होली मे कंडे का उपयोग होने से जंगल बचेंगे। अपनी प्रकृति को बचाने में हमें आगे आना होगा।

कई कॉलोनी में बच्चे कागज, पन्नाी, लकड़ी इकट्ठा कर होली जलाते हैं। इससे वातावरण प्रदूषित होता है। इससे बचने के लिए कॉलोनी में भी कंडों की होली जलाई जा सकती है। फिर लगा सिर्फ बात करने से तो यह नहीं होगा।

उत्थान समिति द्वारा चलाए जा रहे गाय के गोबर के कंडों की होली जलाने का अभियान लोगों द्वारा सराहा जा रहा है। होली के लिए हरे-भरे पेड़ों को काटा जाना मानव जाति के लिए चिंता का विषय है। मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे भी इससे जुड़कर अभियान को सफल बनाएं।
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