रिपोर्ट :- वेदप्रकाश चौहान

उत्तराखण्ड/हरिद्वार :- गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में प्रज्ञेश्वर महादेव का महाभिषेक के साथ प्रारंभ हुए तीन दिवसीय महाशिवरात्रि पर्व का आज समापन हो गया। रविवार से शुरु हुआ चौबीस घंटे का अखंड रामायण पाठ सोमवार दोपहर बारह बजे तक चला। इस दौरान अनवरत रामायणजी की चौपाइयां मधुर स्वरों में संगीतबद्ध हो गूंजती रही। रामायण पाठ में शांतिकुंज कार्यकर्त्ता भाई बहिनों के अलावा विभिन्न प्रशिक्षण शिविरों में आये प्रशिक्षणार्थी भाई बहिन शामिल हुए। इस दौरान राम भक्ति के भाव लोगों के चेहरे में स्पष्ट रूप से झलक रही थी। अपने संदेश में अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख श्रद्धेय डॉ प्रणव पण्ड्या ने कहा आज भगवान श्रीराम के जीवन से मानवीय मर्यादा सीखने की आवश्यकता है। उन्होंने रामायण की प्रगतिशील प्रेरणा को जन-जन तक पहुँचाने के लिए प्रेरित किया।  

इस अवसर पर शांतिकुंज व्यवस्थापक श्री महेन्द्र शर्मा ने बताया कि युगऋषि पं.श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा स्थापित शिवालय मंदिर में देश और विश्व की सुख, शांति एवं प्रगति की प्रार्थना के साथ अखंड रामायण पाठ का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम के गुणों का बखान करने वाली श्री रामचरितमानस का पाठ अनंत काल से होता चला आ रहा है। जीवन की मंगल कामना के लिए किया जाने वाला यह पाठ अत्यंत ही शुभ फलदायक है। श्री शर्मा ने बताया कि पूर्णाहुति के अवसर पर विगत दिनों तुर्की एवं सीरिया में आये भूकंप में असमय कालवित हुए लोगों की आत्मा की शांति हेतु विशेष प्रार्थना की गयी।

आयोजन के समन्वयक श्री श्यामबिहारी दुबे ने बताया कि जहां भी रामायण का पाठ होता है वहां हनुमानजी अदृश्य रूप में उपस्थित होते हैं। रामायण में भगवान श्रीराम का गुणगान और वृतांत कहा गया है। जिस घर में रामायण को सम्मान के साथ रखा, पूजा और गायन किया जाता है, वहाँ किसी प्रकार का कोई अभाव नहीं रहता है।
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