रिपोर्ट :- अजय रावत
गाज़ियाबाद :- सिक्किम के राजयपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य यूरिनरी प्रॉब्लम होने पर यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशाम्बी पहुंचे। जहां उन्हें हॉस्पिटल के सी एम डी डॉ पी एन अरोड़ा ने उन्हें रिसीव किया और सीधे हॉस्पिटल के यूरिनरी एवं किडनी ट्रांसप्लांट के निदेशक डॉ पी बी सिंह के पास परामर्श के लिए ले कर गए। डॉ पी बी सिंह ने लक्ष्मण प्रसाद को परामर्श दिया और उनको पहले से चली आ रही बीमारी बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लेसिया के लिए उनका एक ऑपरेशन यूरिनरी डायलेटेशन किया और उन्हें 12 बजे के करीब हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया।
डॉ पी बी सिंह ने बताया कि बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लेसिया आम-तौर पर मध्य-जीवन की आयु में प्रोस्टेट के आकार में धीरे-धीरे होने वाली वृद्धि को कहते हैं। लगभग चार में से एक पुरुष को इस समस्या के लिए सर्जरी की आवश्यकता होती है, यह कैंसर से नहीं होता है । इससे मूत्रमार्ग सिकुड़ जाता है और शरीर से मूत्र का प्रवाह सीमित हो जाता है। एक बढ़े हुए प्रोस्ट्रेट अक्सर पुराने लोगों के लिए वॉशरूम जाने के लिए रात में अक्सर जागने का अंतर्निहित कारण होता है।