रिपोर्ट :- अजय रावत

गाजियाबाद :- महात्मा गांधी सभागार, कलेक्ट्रेट में मंगलवार को  अंजना पंवार उपाध्यक्ष राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग, भारत सरकार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की अध्यक्षता में सफाई कर्मचारियों के सम्बंध में बैठक आयोजित की गयी।
बैठक में अंजना पंवार सफाई कर्मचारियों की मूलभूत समस्याओं से अवगत हुई। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री ने हर क्षेत्र में सफाई कर्मचारियों को सम्मान दिया है। यहां तक कि उन्होने वाराणसी और प्रयागराज में सफाई कर्मचारियों का सम्मान करते हुए उनके साथ बैठकर भोजन किया था और उन्होने कोरोना काल के दौरान सफाई कर्मचारियों को कोरोना योद्धा के नाम से सम्मानित भी किया। 

प्रधानमंत्री और माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सफाई कर्मचारियों को समाज में विशेष स्थान देते हुए उनका सम्मान किया और कहा है कि सफाई कर्मचारियों का किसी भी प्रकार का शोषण नहीं होना चाहिए। उन्होने कहा कि सफाई कर्मचारियों को सम्मान की दृष्टि से देखा जाये। सफाई कर्मचारियों की कम संख्या पर चिंता ​व्यक्त करते हुए कहा कि शासन को बैठक का हवाला देते हुए स्थायी कर्मचारियों की बढ़ोतरी के लिए पत्र भेजा जाये। उन्होने कहा कि सफाई कर्मचारियों का वेतन समय से दिया जाये। उनका हर तीसरे माह में सम्पूर्ण स्वास्थ्य परीक्षण किया जाये और उसकी रिर्पोट भी उन्हें दी जाये। सभी कर्मचारियों का आईकार्ड बनवाये जाये जिसमें उनका ब्लड ग्रुप, ईएसआई नम्बर और पीएफ नम्बर भी अंकित होना जरूरी है। सफाई कर्मचारियों के लिए आवास कॉलोनियां/­फ्लैट बनवायें जाये और जहां—जहां सफाई कर्मचारियों की कॉलोनियां है वहां सामुदायिक केन्द्र और पुस्तकालयों का निर्माण करवाया जाये। इसके लिए साथ ही जहां निर्मित हैं उनके मैंटीनेंस सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं को सुचारू बनाया जाये। खस्ताहाल, बंद व अव्यस्थित पुस्तकालयों और सामु​दायिक केन्द्रों का जीर्णोंद्धार किया जाये।

महिला सफाई कर्मचारियों के बच्चें यदि छोटे है तो उनके ड्यूटी के समय उनके रहने एवं देखरेख के​ लिए सहित एक चैंजिंग रूप भी बनवाया जाए। सफाई कर्मचारियों में 50 प्रतिशत शिक्षित व 50 प्रतिशत वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नित हो। सभी कर्मचारियों को कम से कम राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित न्यूनतम वेतन मिलना ही चाहिए और इस वेतन में बढ़ोतरी करने के लिए शासन को पत्र भेजे जायें। सभी कर्मचारियों का ईपीएफ और ईएसआई दोनों कटने चाहिए ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की कोई समस्या ना हो। कोरोना काल में हुई सफाई कर्मचारियों की मृत्यु के मुआवजा के लिए सरकार को पुन: बैठक का हवाला देते हुए पत्र भेजे जाये ताकि उनके परिजनों को आर्थिक सहायता उपलब्ध हो सके। कर्मचारियों का ग्रुप इंशोंरेन्स भी करवाये। कर्मचारियों के सेवा निवृत्त से 6 माह पूर्व से ही उनके पेन्शन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाये ताकि उन्हे सेवा निवृत्ति के उपरान्त विभागों के चक्कर ना लगाने पड़े।
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