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गाज़ियाबाद :- श्री धार्मिक रामलीला समिति (पंजी0) कविनगर के मंच पर आज हनुमान द्वारा सीता की खोज में लंका को कूच, अशोक वाटिका में हनुमान जी की माँ सीता से भेंट, हनुमान जी द्वारा अशोक वाटिका तहस-नहस, हनुमान और रावण के पुत्र अक्षर कुमार के बीच युद्ध, अक्षर कुमार का वध, रावण के निर्देश पर हनुमान जी की पूँछ में आग लगाना और हनुमान जी द्वारा समस्त लंका नगरी को जला कर राख करने की रोमांचकारी लीला का मंचन किया गया। आज हनुमान जी वायु मार्ग से लंका दहन के लिये अवतरित हुए जिसका सभी भक्तों ने जोरदार तालियों से स्वागत किया।
रामचरित मानस के पंचम सोपान एवं हनुमान जी की शौर्य गाथा श्री सुन्दरकाण्ड का अदभुत और मनोरम मंचन श्री धार्मिक रामलीला समिति के मंच से हुआ। हनुमान जी वानर वीर देवी स्वयं प्रभा एवं समपाति से मिलते हैं जहां से उन्हें रावण की लंका का पता चलता है। जामवंत द्वारा हनुमान जी को उनकी शक्तियों का स्मरण कराया जाता है और हनुमान जी 400 योजन समुद्र लांघकर अयोध्या पहुंचते हैं। मार्ग में हनुमान जी मैराख, सुरसा और लकनी जैसी बाधाओं को पार करते हैं। लंका में उनकी भेंट रावण के भाई विभीषण से होती है। तदोपरान्त हनुमान जी अशोक वाटिका में प्रवेश करते हैं जहां सीताजी को रावण ने रखा था। प्रभु राम की निशानी हनुमान जी सीता जी को देकर अपना परिचय देते हैं अपनी शुधा को शान्त करने के लिए हनुमान जी अशोक वाटिका में फल तोड़कर खाते हैं और अशोक वाटिका को तहस-नहस कर देते हैं।
रावण के दूत रावण को इस घटना की जानकारी देते हैं। रावण अपने पुत्र अक्षय कुमार को हनुमान जी को पकड़ कर लाने के लिए भेजता है और हनुमान जी से युद्ध में अक्षय कुमार मारा जाता है। इस समाचार को सुनकर रावण विचलित हो जाता है और अपने पुत्र मेघनाथ को हनुमान जी को पकड़ कर लाने के लिए भेजता है। मेघनाथ ब्रह्म अस्त्र का प्रयोग कर हनुमान जी को रावण के दरबार में लेकर आता है जहां रावण उन्हें मृत्यु दण्ड का आदेश देता है परन्तु मंत्रियों के समझाने-बुझाने पर कि हनुमान जी दूत के रूप में आये हैं उनके साथ इस प्रकार का दण्ड उचित नहीं है। तब रावण हनुमान जी की पूंछ में आग लगाने को कहता है। इस बीच रावण और हनुमान जी के मध्य रोचक संवाद होते हैं।
पूछ में आग लगने के बाद हनुमान जी कूदते फांदते समस्त लंका नगरी को अग्नि के हवाले कर देते हैं। इस दृश्य का मंचन अद्भुत और अविस्मरणीय बनाने के लिये आज हनुमान जी मंच की छत से वायुमार्ग से मैदान में अवतरित होते हैं और सोने की लंका को अग्नि के हवाले कर देते हैं। इस रोमांचकारी दृश्य को देखकर पूरा मैदान जय श्री राम के उद्घोष से गूंज उठा। अंत में सोने की लंका का दहन किया गया जिसमें भारी संख्या में बम-पटाखे लगे थे। सभी उपस्थित राम भक्तों ने जोरदार तालियों के साथ इस दृश्य का आनन्द लिया।
लीला का मंचन देखने के लिये आज उ0प्र0 के मंत्री नरेन्द्र कश्यप पूर्व महापौर आशा शर्मा न्यूज-1 इंडिया के चेयरमैन अनुराग चडढा, पूर्व विधायक सुरेन्द्र कुमार मुन्नी आदि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। जिनका स्वागत समिति के अध्यक्ष ललित जायसवाल, महामंत्री भूपेन्द्र चोपड़ा एवं अन्य पदाधिकारियों ने किया। इस अवसर पर समिति के अजय जैन, आनन्द गर्ग, अजय अग्रवाल, अमरपाल सिंह, पुनीत
बेरी, ऋषि माकड, अवनीश गर्ग, विवेक मित्तल, रमन मिग्लानि आदि उपस्थित रहे।
सोमवार को रामलीला के मंच से विभीषण द्वारा राम की शरण में आना, नल-नील द्वारा रामसेतु बन्ध, अंगद रावण का संवाद, महायुद्ध आरम्भ एवं लक्ष्मण मूर्छा की लीला का मंचन होगा।