◼️चौथे दिन ब्रह्मांड की रचना करने वाली मां कूष्मांडा की हुई आराधना



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जसोल :- शारदीय नवरात्र के चौथे दिन जसोलधाम में ब्रह्मांड की रचना करने वाली देवी भगवती के चौथे स्वरूप मां कूष्मांडा देवी की आराधना कर भक्तों ने परिवार में सुख समृद्धि व खुशहाली की कामना की। राणीसा भटियाणीसा सहित विभिन्न मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ दर्शनो को उमड़ी। मन्दिर प्रांगण में नवरात्रि पर्व को लेकर आयोजित हो रहे नवकुण्डिय यज्ञ में संत महामंडल अध्यक्ष दिल्ली (एन.सी.आर.) व जुना अखाड़ा अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता तथा दूधेश्वर महादेव मठ (गाजियाबाद) महंत नारायणगिरी जी महाराज के पावन सानिध्य में मंदिर संस्थान समिति सदस्य कुंवर हरिश्चंद्रसिंह जसोल द्वारा जसोल माँ के अनन्य की और से सभी की मनोकामना पूर्ति व देश उन्नति हेतु आहुतियाँ दी गई।

इस दौरान महंत श्री महंत नारायण गिरी महाराज ने कहा कि मां कुष्मांडा की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी प्रकार के शारीरिक और मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। अतः साधक श्रद्धा भाव से मां कुष्मांडा की पूजा उपासना करते हैं| उन्होंने कहा कि इस देवी का वास सूर्यमंडल के भीतर लोक में है। सूर्यलोक में रहने की शक्ति क्षमता केवल इन्हीं में है। इसीलिए इनके शरीर की कांति और प्रभा सूर्य की भांति ही दैदीप्यमान है। इनके ही तेज से दसों दिशाएं आलोकित हैं। ब्रह्मांड की सभी वस्तुओं और प्राणियों में इन्हीं का तेज व्याप्त है। महाराज ने कहा की माँ की आराधना से भक्तों के रोगों और शोकों का नाश होता है तथा उसे आयु, यश, बल और आरोग्य प्राप्त होता है। ये देवी अत्यल्प सेवा और भक्ति से ही प्रसन्न होकर आशीर्वाद देती हैं। सच्चे मन से पूजा करने वाले को सुगमता से परम पद प्राप्त होता है। 

साथ ही उन्होंने कहा कि विधि-विधान से पूजा करने पर भक्त को कम समय में ही कृपा का सूक्ष्म भाव अनुभव होने लगता है। ये देवी आधियों-व्याधियों से मुक्त करती हैं और उसे सुख-समृद्धि और उन्नति प्रदान करती हैं। अंततः इस देवी की उपासना में भक्तों को सदैव तत्पर रहना चाहिए। 
इन्होंने लिया लाभ नवरात्रा पर्व पर जसोलधाम में कन्या पूजन, सभी मंदिरों में भोग व भोजन प्रसादी का लाभ काशीराम राठी, जय हनुमान फैशन प्रा. लि., जयनारायण, रामेश्वरलाल भूतड़ा (रामदेव कोटशन), कंवरलाल, संतोष सावणा (राठी) ने लिया। पूजा_पाठ व मंत्रोचार शारदीय नवरात्रा के उपलक्ष्य में विगत 3 दिनों से चल रहे नवकुण्डीय यज्ञ में आज चतुर्थ दिसव पर आचार्य तोयराज, नित्यानंद, वैदाचार्य दीपक भट्ट, पंडित नितेश त्रिपाठी, मनोहरलाल अवस्थी, आयुष पोढेल, निखिलेश शर्मा, केशवदेव कोटा, विशेष दीक्षित, प्रियांशु पांडे, रामधिरज तिवारी, अभिनव पुरोहित, विपिन्न शुक्ला, राहुल तिवारी, यश दीक्षित द्वारा शुक्ल यजुर्वेद के 11 से  20  अध्याय, पारायण मंत्रोचार, आवाहित वेदी पूजन, महिषासुरमर्दिनी स्त्रोत्र पाठ, दुर्गासप्तशती पाठ व मंत्रोचार करवाए गए।
यह रहे मौजूद। इस शुभ अवसर पर ऊदयसिंह, जितेन्द्रसिंह डंडाली, मोहनभाई पंजाबी, राजेश भाई पंजाबी, सुमेरसिंह डाभड़, सवाईसिंह जाजवा, नरेंद्र भाई कौशल, काशीराम राठी, जयनारायण, रामेश्वरलाल भूतड़ा (रामदेव कोटशन), कंवरलाल, संतोष सावणा (राठी) सहित जसोल माँ के अनन्य भक्तगण मौजूद रहे।
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