रिपोर्ट :- विकास शर्मा

हरिद्वार :- भारतवर्ष पौराणिक मंदिरों व धार्मिक आस्थाओं का देश है। जहां देश के विभिन्न दूर दराज क्षेत्रों से ही नहीं वरन विदेश से भी श्रद्धालु गण आस्था के साथ दर्शन करने हेतु आते हैं। दिल्ली के प्रसिद्ध अक्षरधाम में भी लाखों श्रद्धालु गण आस्था लिए दर्शन करने आते हैं। कई एकड़ में फैले इस विशाल मंदिर में श्रद्धालु हेतु अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। जहां दर्शन की आस लिए श्रद्धालु गण नंगे पैरों के साथ भीषण गर्मी में प्रबंध तंत्र की अवस्थाओं के चलने के कारण भारी असुविधा के साथ दर्शन कर पाते हैं।          

दिल्ली के प्रसिद्ध इस अक्षरधाम में श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर में सैकड़ो मीटर चलने के बाद श्रद्धालुओं के लिए बैठने की समुचित व्यवस्था नहीं है। मंदिर परिसर में श्रद्धालुगणो का पानी, खाद्य सामग्री तथा चमड़े आदि का कोई सामान लाना वर्जित है। जिसके कारण श्रद्धालुओं को ऊंचे दामों पर मंदिर परिसर से पानी व खाद्य सामग्री खरीदनी पड़ती है। अक्षरधाम मंदिर में रात्रि में होने वाले वॉटर शो के दौरान मंदिर के आंतरिक सुरक्षा कर्मियों द्वारा श्रद्धालुओं के साथ असभ्य व्यवहार तथा वाटर शो के दौरान श्रद्धालुओं को भीड़ में रोक कर इंतजार करने के कारण बच्चे, बुजुर्ग व महिलाएं  गर्मी तथा बैठने की व्यवस्था न होने के कारण गिरकर कई बार बेहोश हो चुके है। 

छपरा से आए बुजुर्ग दंपत्ति समीर दीक्षित के अनुसार भीड़ के अंदर  इंतजार के कारण भारी असुविधा के चलते कई बुजुर्ग दंपत्ति मूर्छित होकर गिर जाते हैं। परिसर में पानी की व्यवस्था न होने के कारण मंदिर परिसर में पानी लेने हेतु काफी दूर चलना पड़ता है। जिसके कारण  श्रद्धालुओं को असुविधा का सामना  करना पड़ता है। ऐसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों पर दर्शकों की सुविधाओं का प्रबंध तंत्र व प्रशासन को समुचित ध्यान देना होगा। ताकि भविष्य में इन प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों की छवि श्रद्धालु अपने मन में यादगार स्मृतियों के रूप में लेकर जाएं।
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