रिपोर्ट :- अजय रावत

गाज़ियाबाद :- ड़ा0 अंबेडकर पार्क लाजपत नगर साहिबाबाद के प्रांगण में संत गाडगे महराज की पुण्यतिथि का आयोजन किया गया, कार्यक्रम के मुख्य वक्ता समाजवादी चिंतक शिक्षाविद राम दुलार यादव रहे, अध्यक्षता वरिष्ठ नेता धोबी समाज के पथ-प्रदर्शक श्रीचंद दिवाकर ने की, मुख्य अतिथि कमलेश चौधरी, संचालन बैजनाथ रजक ने किया, कार्यक्रम का आयोजन अखिल भारतीय धोबी महासंघ ने किया, समारोह में शामिल सभी साथियों ने संत गाडगे के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हे स्मरण किया, तथा उनके द्वारा दिखाये मार्ग पर चलने का संकल्प लिया, इस अवसर पर हुकुम सिंह और चमन लाल ने गीत के माध्यम से बाबा को श्रद्धांजलि दी, कार्यक्रम को भगवत सिंह, राम सिंह, अनिल मास्टर, राज कुमार सिंह ने भी संबोधित किया।
         
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिक्षाविद राम दुलार यादव ने कहा कि संत गाडगे रूढ़िवाद, पाखंड, कुरीतियों, भ्रम, अंधविश्वास को जड़ से खत्म करने के लिए तथा स्वच्छता को गाँव में फैलाने के लिए सारे जीवन देश में भ्रमण करते रहे, समाज में व्याप्त महाजनी व सामंतवादी प्रथा का घोर विरोध किया, तथा दुर्व्यसन के कारण घोर गरीबी में जीवन जीने वालों को संदेश दिया कि आप की गरीबी का कारण अशिक्षा है, अपने घर के गहने बेचकर भी अपने परिवार को शिक्षित करना है तो करिए, तभी आप गौरव पूर्ण सम्मान जनक जीवन जी सकते है, बाबा गाडगे जिस गाँव में जाते वहीं नाली, रास्तों को साफ स्वयं करते थे, उन्होने शिक्षा और स्वच्छता का संदेश दिया, उन्होने सद्भाव, भाईचारा समाज में व्याप्त हो कीर्तन, भजन के माध्यम से लोगों को समझाया, लेकिन आज 21वीं सदी में हम सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, शैक्षणिक, आध्यात्मिक असमानता के शिकार है, 40% सम्पदा पर 1 प्रतिशत लोगों का कब्जा हो गया है, नफरत, ईर्ष्या, असहिष्णुता, पाखंड बढ़ता जा रहा है, 81 करोड़ से अधिक लोग 5 किलो अनाज के लिए झोली फैलाये हुए है, यह चिंताजनक है, भयंकर बेरोजगारी और मंहगाई सुरसा के मुंह की तरह बढ़ रही है, नवजवान निराश हैं, यहाँ सब्जबाग दिखा जनता की भावनाओं का दोहन कर धार्मिक पाखंड में फंसा, अप्रत्यक्ष कर में उलझाकर बड़े पूँजीपतियों को लाभ पहुंचाया जा रहा है, पंडित जवाहर लाल नेहरू भारत के प्रथम प्रधानमंत्री ने कहा है कि यदि पूंजीवादी ताकतों को नियंत्रित न किया गया तो देश में घोर असमानता होगी, गरीब और गरीब होता चला जाएगा, हमे इस अवसर पर यह संकल्प लेना चाहिए कि धार्मिक पाखंड से निकल आस्था के नाम पर शोषण से बचना चाहिए, तभी हम संत गाडगे की पुण्यतिथि मनाने के असली हकदार होंगे। संत गाडगे के सम्मान में ड़ा0 अंबेडकर ने कहा है कि “ज्योतिराव फूले के बाद सामाजिक परिवर्तन और जन-जन में शिक्षा की अलख बाबा ने ही जगाई”।
        
कार्यक्रम में मुख्य रूप से राम दुलार यादव, श्रीचंद दिवाकर, कमलेश चौधरी, भगवत सिंह जी, हुकुम सिंह, राम सिंह, अनिल मास्टर, राज कुमार सिंह, चमन लाल, संतोष कुमार, रोशन, ऋषि कुमार, गोपाल रजक, धर्मेंद्र, ललित, मदन लाल, श्याम वीर सिंह, गजेंद्र सिंह, सविता, जगदीश, छोटे लाल कनौजिया आदि शामिल रहे।
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