रिपोर्ट :- अजय रावत

गाजियाबाद :- सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में भगवान दत्तात्रेय की जन्म जयंती मंगलवार को श्रद्धाभाव से श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज की अध्यक्षता में मनाई गई। भगवान दत्तात्रेय का विशेष अभिषेक व पूजन किया गया। श्री दूधेश्वर वेद विद्या पीठ के आचार्य त्योराज उपाघ्याय, विकास पांडे, अमित शर्मा, लक्ष्मीकांत, रोहित शर्मा समेत सभी आचार्यो व विद्यार्थियों ने भगवान दत्तात्रेय का विशेष अभिषेक व पूजन किया। 

श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि भगवान दत्तात्रेय कृपा की मूर्ति कहे जाते हैं। परम भक्त वत्सल दत्तात्रेय भक्त के स्मरण करते ही उनके पास पहुंच जाते हैं। इसी कारण उन्हें स्मृतिगामी तथा स्मृतिमात्रानुगन्ता भी कहा गया है। मार्गशीर्ष का महीना विवाह पंचमी, गीता जयंती आदि विशेष पर्वों के कारण महत्व तो रखता ही है साथ ही इस महीने की पूर्णता दत्तात्रेय जयंती के रूप में होती है। दत्तात्रेय जयंती का सनातन धर्म में बहुत अघिक महत्व है। सनातन वैदिक उपासना एवं सन्यास धर्म में दत्तात्रेय भगवान का विशेष महत्व है। इस पर्व के दिन सद्गृहस्थों के यहां व्रत पूजन होता है, वहीं दशनाम सन्यासियों के अखाड़ों में विशेष आयोजन होते हैं क्योंकि दत्तात्रेय भगवान श्री जूना अखाड़ा  के इष्ट देव है। 

इस दिन अखाडों में  अध्यात्मिक प्रवचन चलते हैं जिससे आराधना और साधना से विशेष पुण्य प्राप्त होता है। यह विद्या के परम आचार्य हैं। भगवान दत्तजी के नाम पर दत्त संप्रदाय दक्षिण भारत में विशेष प्रसिद्ध है। महायोगीश्वर दत्तात्रेय भगवान विष्णु के अवतार हैं। इनका अवतरण मार्गशीर्ष की पूर्णिमा को प्रदोष काल में हुआ। अतः इस दिन बड़े समारोहपूर्वक दत्त जयंती का उत्सव मनाया जाता है। भगवान दत्तात्रेय परम दयालु हैं। इसी कारण जो भी भक्त सच्चे मन से उनका स्मरण करता है, वे उसके सभी कष्ट दूर कर देते हैं।
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