रिपोर्ट :- विकास शर्मा

हरिद्वार :- उत्तराखंड की प्रसिद्ध चार धाम यात्रा जो की ग्रीष्मकालीन में 6 महीने में हुआ करती थी। अब यह यात्रा शीतकाल में भी आरंभ होने जा रही है। इसकी शुरुआत आज दिनांक 27 दिसंबर को हरिद्वार से अवि मुक्तेश्वरानंद जी सरस्वती महाराज ने आरंभ की। जिसकी विधिवत शुरुआत हरिद्वार चंडीघाट पर मां गंगा की पूजा अर्चना कर शीतकालीन चार धाम यात्रा का शुभारंभ किया गया।                                                                        
हरिद्वार के चंडीघाट में मां गंगा की पूजा अर्चना कर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने विधिवत शीतकालीन चार धाम यात्रा का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भगवान की पूजा का विधान तो 12 महीने होना चाहिए मगर उनकी पूजा 6 महीने की जाए और 6 महीने पूजा का नहीं किया जाना यह उचित नहीं है। चार धाम यात्रा तो सदा ही होती रहनी चाहिए। इसी संदेश और जन भावनाओं का आदर करते हुए वह शीतकालीन चार धाम यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं। उन्होंने देशवासियों से अपील करते हुए कहा की साल भर ग्रीष्म काल या शीतकाल कभी भी चार धाम यात्रा पर आया जा सकता है। 

उत्तराखंड के चारों धाम आपको आशीर्वाद देने के लिए सदैव विद्यमान है। विदित हो अभी तक नवंबर के माह में चार धाम के कपाट 6 महीने के लिए शीतकाल में बंद हो जाया करते थे। उन्होंने कहा कि मां भगवती गंगा से हम आशीर्वाद लेकर यह मनोकामना करते हैं कि यह शीतकालीन चार धाम यात्रा का जो बीड़ा हमने उठाया है मां गंगा इसको सफल करें और लोगों को इस यात्रा से यह प्रेरणा मिले कि लोग आए और उनको चार धाम यात्रा के शीतकालीन दर्शन कर पुण्य के भागी बने।
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