रिपोर्ट :- अजय रावत
गाज़ियाबाद :- ज्ञानपीठ केन्द्र 1, स्वरूप पार्क जी0 टी0 रोड साहिबाबाद के प्रांगण में पूर्वाञ्चलीय स्वर्णकार समाज का 7 वाँ स्थापना दिवस समारोह धूम-धाम से मनाया गया, समारोह की अध्यक्षता हरिशंकर वर्मा स्वर्णकार समाज के अध्यक्ष ने किया, संचालन सुधीर वर्मा ने किया, लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट के संस्थापक/अध्यक्ष शिक्षाविद राम दुलार यादव भी मुख्य रूप से कार्यक्रम में शामिल रहे, आयोजन पूर्वाञ्चलीय स्वर्णकार समाज के सभी साथियों ने किया, महासचिव तेजेन्द्र वर्मा ने इस अवसर पर वार्षिक लेखा-जोखा और संस्था की उल्लेखनीय उपलब्धियों को समाज के सामने रखा, तथा संस्था को और प्रगति के पथ पर ले जाने के लिए हर-तरह के सहयोग की अपील की, इस अवसर पर राम दुलार यादव और अजय वर्मा को शाल ओढ़ाकर माल्यार्पण कर सम्मानित किया गाय।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हरिशंकर वर्मा ने कहा कि किसी समाज के सर्वांगीण विकास के लिए हममे समर्पण और सहयोग की भावना होनी चाहिए, हमे समाज के उत्थान के लिए एकता के सूत्र में बंधकर कार्य करना चाहिए, तथा हमे भेदभाव नहीं करना चाहिए, सभी समान है, सबके साथ समान व्यवहार करना चाहिए। सुधीर वर्मा ने कहा कि हमे अपने बच्चों को पूर्ण और उच्च शिक्षा दिलानी चाहिए, तभी वह सफल होकर देश, समाज और व्यक्ति के कल्याण का कार्य करेंगे, तथा स्वर्णकार समाज भी उनके प्रयास से लाभान्वित होगा, उन्होने ड़ा0 अंबेदकर के कथन को उद्घृत करते हुए कहा कि “शिक्षा वह शेरनी का दूध है, जो पियेगा, वही दहाड़ेगा”।
सम्मानित अतिथि शिक्षाविद, समाजसेवी राम दुलार यादव ने समारोह में शामिल सभी भाइयों, बहनों, बच्चों को धन्यवाद देते हुए कहा कि आप लोग सैकड़ों की संख्या में आकर स्थापना दिवस समारोह भारी उल्लास के साथ मना रहे है, हम आपका अभिनन्दन करते हुए बधाई देते है तथा आप लोगों से निवेदन करते है स्वर्णकार समाज में एक जुटता के साथ देश में सद्भाव, भाईचारा, प्रेम और समर्पण की भावना का वातावरण बनायेँ, क्योंकि आज द्वेष, नफरत, असहिष्णुता का वातावरण बनाया जा रहा है, झूठ और डर दिखाकर लोगों को भ्रमित किया जा रहा है, रूढ़िवाद और पाखंड में हमे न फँसकर अपने मौलिक अधिकारों और मौलिक कर्तव्यों को जानकर ही गौरवान्वित हो गौरव पूर्ण जीवन जी सकते है, और अपने समाज को राजनैतिक, सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक रूप से मजबूत कर सकते है, यह कार्य पूर्ण शिक्षित बन कर समाज में समता, समानता, न्याय और बंधुत्व द्वारा ही संभव हो सकता है, शिक्षा पर बल देते हुए उन्होने कहा कि “अज्ञान के जमे हिम खंड को तोड़ने के लिए शिक्षा और अच्छी पुस्तक एक कुल्हाडी है” तथा शिक्षा वह शक्तिशाली हथियार है जिससे हम दुनिया को बदल सकते है।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से हरिशंकर वर्मा, तेजेन्द्र वर्मा, ए0 के0 वर्मा, सुधीर वर्मा, राम दुलार यादव, प्रेम शंकर वर्मा, उमेश वर्मा, धीरेन्द्र वर्मा, दीपक कुमार, सुदामा सोनी, हरीनारायण वर्मा, वासुदेव वर्मा, प्रकाश कश्यप, सुनील वर्मा, उमेश सोनी, कन्हैया लाल सोनी, महादेव वर्मा, सी0 एल0 प्रेमी, मनोज कुमार सोनी, मुनीश, दिनेश चंद, मंटू वर्मा सहित सैकड़ों महिलाएं और पुरुष समारोह में शामिल रहे।