रिपोर्ट :- अजय रावत

ग़ाज़ियाबाद :- गुरू गोबिन्द सिंह जी द्वारा मानवता व हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए अपने पूरे परिवार का बलिदान करना व मानवता की ख़ातिर खालसा पंथ की स्थापना करने की घटना को यह देश कभी भुला नहीं सकता है और देश सिक्ख गुरुओं का सदैव ऋणी रहेगा। यह बात यहाँ गुरुद्वारा जी ब्लॉक कविनगर में गुरू गोबिन्द सिंह जी के प्रकाशपर्व पर आयोजित कीर्तन दरबार में अल्पसंख्यक आयोग उ०प्र० के पूर्व सदस्य सरदार एस पी सिंह ने कही। 

प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष रवीन्द्र सिंह जौली ने बताया कि गुरू गोबिन्द सिंह जी ने ही गुरू ग्रन्थ साहिब को गुरू का दर्जा देने का फ़ैसला लिया था, उनके बाद से ही सिक्ख अब किसी देहधारी को नहीं बल्कि ग्रन्थ साहिब को ही अपना गुरू मानते हैं। इससे पूर्व ज्ञानी राजेंद्र सिंह व पेहवा से आये ज्ञानी शानू वीर जी ने आई संगत को कीर्तन गुरुवाणी द्वारा निहाल किया। इस अवसर पर इक़बाल सिंह सोढी, हरप्रीत सिंह जग्गी, गगन सिंह अरोड़ा, दीपक शर्मा, देवेन्द्र सिंह, जसविन्दर सिंह, मनजीत सिंह अरोड़ा, जसप्रीत सिंह, धर्मेंद्र सिंह व गुरमिन्दर सिंह आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम के पश्चात संगत में लंगर प्रसाद भी वितरित किया गया।
Previous Post Next Post