रिपोर्ट :- अजय रावत
गाज़ियाबाद :- भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र कमैटी जैन समाज की सर्वोच्च संस्था है जो कि हजारों वर्षों से स्थापित जैन तीर्थों के संरक्षण एवं संर्वधन का कार्य करती आ रही है। जम्बूप्रसाद जैन उक्त कमैटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सर्वसम्मति से निर्विरोध निर्वाचित हुए है। जिसकी विधिवत् घोषणा 27 जनवरी 2024 को णमोकार तीर्थ चान्दवाड़ (नासिक) महाराष्ट्र में चुनाव अधिकारी सुमेरचन्द काले ने भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थ कमैटी की साधारण सभा के मध्य की। भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र कमैटी भारतवर्ष के समस्त दिगम्बर जैन समाज की एकमात्र प्रतिनिधि संस्था है जो कि सम्पूर्ण देश के तीर्थ क्षेत्रों का संरक्षण, संर्वधन एवं विकास करती है।
नवनिर्वाचित अध्यक्ष जम्बूप्रसाद ने बताया कि मेरे जीवन के अंतिम समय में मैं तीर्थ क्षेत्रों की सेवा करने के भाव से इस पद पर आया हूँ, मुझे पद का कोई लालच नहीं है, समस्त भारतवर्ष से मेरे को अध्यक्ष पद के निर्वाचन में जो सहयोग मिला है, उस सब के लिए मैं समस्त जैन समाज का आभारी हूँ। मेरा प्रयास रहेगा कि मैं सब लोगों को साथ लेकर पूर्ववत्ती पदाधिकारियों के मार्गदर्शन में कार्य करने का प्रयास करूँगा। मेरा समस्त समाज से यह भी निवेदन है कि भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र कमैटी के सगंठन को मजबूत करते हुए मुझे सहयोग प्रदान करें।
इस अवसर पर भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र कमैटी उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड के अध्यक्ष जवाहरलाल जैन, सिकन्द्राबाद ने बताया कि ये संस्था 122 वर्ष से निरन्तर कार्य करती आ रही है, और इसका अध्यक्ष होना बहुत ही गौरव की बात है। पूर्व में टाइम्स ऑफ इण्डिया के चेयरमैन भी लगभग बीस वर्षों तक इस संस्था के अध्यक्ष रहे है। अध्यक्ष का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है तथा कार्य क्षेत्र सम्पूर्ण भारतवर्ष है।
जैन समाज के प्रवक्ता अजय जैन ने बताया कि इसके अध्यक्ष का चुनाव लोकतान्त्रिक तरीके से होता है, यह उत्तर प्रदेश के लिए और विशेषतः गाजियाबाद के लिए यह बहुत ही गौरव के क्षण है कि 122 वर्ष के इतिहास में उत्तर प्रदेश से प्रथम बार जम्बूप्रसाद जैन राष्ट्रीय अध्यक्ष बने है। जम्बूप्रसाद जैन बहु आयामी व्यक्ति है जो कि गत 25-30 वर्षों से जैन समाज एवं जैनेत्तर समाज में सामाजिक एवं धार्मिक कार्य करते आ रहे है। देश के समस्त साधूओं का आपको आशीर्वाद प्राप्त है। आपको उत्तर भारत के जैन समाज में अनेकों बार भामाशाह की उपाधि से अंलकृत किया गया है।
इस अवसर पर जम्बूप्रसाद जैन के सुपुत्र संजय जैन एवम् पंकज जैन ने बात करते हुए बताया कि हमारे पिता बहुत ही दृढ़ इच्छा शक्ति वाले है। हम सब परिवारीजन उनके साथ है और हमारा भी प्रयास रहेगा कि वो इस संस्था के माध्यम से तीर्थों के संरक्षण एवं संर्वधन के लिए जो भी कार्य करेगें उसमें हमारी सहभागिता रहेगी।