रिपोर्ट :- अजय रावत

गाज़ियाबाद :- हिंदी भवन में आयोजित भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र कमैटी जैन समाज की सभा में भारी संख्या में भारतवर्ष से आये सदस्यों एवं पूर्व पदाधिकारियों ने शिरकत की।यह जैन समाज की सर्वोच्च संस्था है जो कि हजारों वर्षों से स्थापित जैन तीर्थों के संरक्षण एवं संर्वधन का कार्य करती आ रही है। श्री जम्बूप्रसाद जी जैन उक्त कमैटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सर्वसम्मति से निर्विरोध निर्वाचित हुए है। भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र कमैटी भारतवर्ष के समस्त दिगम्बर जैन समाज की एकमात्र प्रतिनिधि संस्था है जो कि सम्पूर्ण देश के तीर्थ क्षेत्रों का संरक्षण, संर्वधन एवं विकास करती है। यह जानकारी जैन समाज के प्रवक्ता अजय जैन ने दी।
        
इस अवसर पर मंगलाचरण डा॰जीवन प्रकाश जैन,दीप प्रज्वलन अशोक जैन,अध्यक्षीय भाषण व अध्यक्षता स्वामी रविन्द्र कीर्ति,पावन सानिध्य एवम् मंगल आशीर्वाद मुनि श्री १०८ प्रज्ञानन्द जी महाराज एवं मॉं कौशल जी,स्वागत गीत विनय देववन्दी,भाव पूर्ण प्रस्तुति नीतू,स्वाति एवं छवि जैन,प्रस्तावना जवाहरलाल जैन ने की।इसके अलावा हसमुंख गांधी इन्दौर,जमुनालाल हपावत मुम्बई,विजय जैन अहमदाबाद,सुरेश जैन मुरादाबाद,सुरेश झॉंझरी कोडरमा,अनुपम जैन इन्दौर,संजय पापडी़वाल औरंगाबाद,गजराज गंगवार आदि ने अपने उदगार व्यक्त किए।
इस अवसर पर नवनिर्वाचित अध्यक्ष  जम्बूप्रसाद ने बताया कि मेरे जीवन के अंतिम समय में मैं तीर्थ क्षेत्रों की सेवा करने के भाव से इस पद पर आया हूँ, मुझे पद का कोई लालच नहीं है, समस्त भारतवर्ष से मेरे को अध्यक्ष पद के निर्वाचन में जो सहयोग मिला है, उस सब के लिए मैं समस्त जैन समाज का दिल की गहराइयों से आभारी हूँ। सभी का स्वागत व आभार प्रकट करने के लिए मैंने यह आयोजन किया है।मेरा प्रयास रहेगा कि मैं सब लोगों को साथ लेकर पूर्ववत्ती पदाधिकारियों के मार्गदर्शन में कार्य करने का प्रयास करूँगा। मेरा समस्त समाज से यह भी निवेदन है कि भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र कमैटी के सगंठन को मजबूत करते हुए मुझे सहयोग प्रदान करें।इस अवसर पर मंच संचालन जीवेन्द्र जैन ने किया ।

इस अवसर पर जम्बूप्रसाद जैन के सुपुत्र संजय जैन एवम् पंकज जैन ने कहा कि हम सब परिवारीजन उनके साथ है और हमारा भी प्रयास रहेगा कि वो इस संस्था के माध्यम से तीर्थों के संरक्षण एवं संर्वधन के लिए जो भी कार्य करेगें उसमें हमारी सहभागिता रहेगी। मैं भारत वर्ष के सभी जैन समाज के लोगों का दिल की गहराइयों से आभार प्रकट करता हूँ जिन्होंने अध्यक्ष बनाने में उनका साथ दिया और जिन्होंने नहीं दिया उनका भी।
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