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आगरा :- सर्वप्रथम लिटिल इप्टा के संरक्षक सुरेश चंद्र गुप्ता को श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। निशुल्क शिविर में भाग लेने वाले 30 से अधिक बच्चों ने एक के बाद एक शानदार प्रस्तुति देकर दर्शकों का मन मोह लिया। दो समूह गान की प्रस्तुति दी गईं जिनमें एक नाट्य पितामह राजेंद्र रघुवंशी की रचना "सूखी धरती के आंचल से" व दूसरी प्रेम धवन रचित "अमन के हम रखवाले" थीं। सोहन लाल द्विवेदी की कविता "कोशिश करने वालों की हार नहीं होती" का पाठ किया गया। "मोबाइल के साइड इफेक्ट" नामक मूक अभिनय और "कृष्णा तेरी हो गई" नृत्य भी सराहा गया। कार्यक्रम के मध्य में उद्घाटन सत्र हुआ जिसमें लिटिल इप्टा के मुख्य निर्देशक दिलीप रघुवंशी ने 1976 से चलने वाले लिटिल Ipta के शिवरो का उल्लेख किया,शिविर के उद्देश पर प्रकाश डाला। 

अध्यक्ष एम. एल. गुप्ता, संयोजक सुबोध गोयल ,सुमित विभव ,मनीष राय ने भी अपने विचार रखे। कुमकुम रघुवंशी ने भी अपने विचार प्रगट किए । उद्घाटन सत्र के बाद घनश्याम गोयल लिखित नाटक "ज्योतिष का चमत्कार" की प्रस्तुति हुई व राजस्थानी लोक नृत्य "घूमर" और बृज लोकगीत "तेरी मेरी कट्टी" ने दर्शकों का मन मोह लिया। प्रतिभागियों के उत्साह वर्धन हेतु हेमलता गोयल स्मृति पुरस्कार एवम सर्टिफिकेट सभी प्रतिभागियों को वितरण किया गया । दो बच्चों खुशी एवम जय कुमार को विशेष पुरस्कार दिया गया।और अंत में समूह गान "हम होंगे कामयाब" को गाया गया। दिलीप रघुवंशी ने  एक पहल‌ टीम का शिविर में उनके योगदान के लिए विशेष रूप से मनीष राय,डॉक्टर ईभा गर्ग,अंकित खंडेलवाल,बरखा राय, मानस राय,ज्योति चौधरी का आभार प्रगट किया।

मुख्य निर्देशक : दिलीप रघुवंशी 
प्रबंधन : कुमकुम रघुवंशी
मोबाइल व मौखिक निर्देशक : सिद्धार्थ रघुवंशी, नृत्य निर्देशक : अर्चना सारस्वत व आकाश
संगीत/स्वर : रमेश भारद्वाज, असलम खान, सूर्य कांत श्रीवास्तव व सूर्य देव
ढोलक : रूपेश
सहयोग : पुरषोत्तम मयूरा
उद्घोषणा : मुक्ति किंकर
व‌ संचालन दिलीप रघुवंशी ने किया। प्रतिभागियों में खुशी (टी), वर्षा, अंकित, खुशी (सी), विशाल, नत्या, पल्लवी, खुशी (ओ), पार्वती, रविन्द्र, सरिता, राधिका, सोनम, नीरेश, दिव्यांशी, कार्तिक, डेविड, जानकी, राजकुमारी, शालिनी, नैंसी, साधना, उजाला, खुशी (एन), मुस्कान व जयकुमार प्रमुख हैं।
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