◼️मां गंगा के अवतरण के समय बने 10 योग में से 5 योग इस बार गंगा दशहरा पर बन रहे हैं



सिटी न्यूज़ | हिंदी.....✍🏻

गाजियाबाद :- गंगा दशहरा का पर्व 16 जून को अमृत सिद्धि योग में  मनाया जाएगा। इस योग के चलते पर्व का महत्व और भी बढ गया है। आचार्य दीपक तेजस्वी ने बताया कि हमारे शास्त्रों में अमृत सिद्धि योग को बहुत महत्व दिया गया है। इस योग में किया गया धार्मिक अनुष्ठान अमृतमय हो जाता है, यानी अक्षय हो जाता है। इसका पूर्ण फल प्राप्त होता है। हिंदू धर्म में गंगा दशहरा का विशेष महत्व है क्योंकि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जीवनदायिनी गंगा जी इस दिन ही धरती पर अवतरित हुई थी और राजा भगीरथ के पूर्वजों का उद्धार किया था। आचार्य दीपक तेजस्वी ने बताया कि मां गंगा का जब अवतरण हुआ था, उस समय 10 शुभ योग बने थे। इन 10 शुभ योग में पहला ज्येष्ठ मास, दूसरा शुक्ल पक्ष, तीसरा दशमी तिथि, चौथा बुधवार, पांचवा हस्त नक्षत्र, छठा व्यतिपात योग, सातवां गर करण, आठवां आनंद योग, नवां कन्या का चंद्रमा तथा दसवां वृषभ राशि का सूर्य की स्थिति थी। 

इस बार गंगा दशहरा पर इन 10 योग से 5 योग बन रहे हैं। ये 5 योग रहेंगे। ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि, हस्त नक्षत्र तथा कन्या राशि का चंद्रमा की स्थिति रहेगी। इन योग में भी मांगलिक कार्य करने से हमारे विकार व पाप दूर होते हैं और  मां गंगा की कृपा प्राप्त होती है। आचार्य दीपक तेजस्वी ने कहा कि हिंदू शास्त्रों में ज्येष्ठ मास का विशेष महत्व है और इस मास को सबसे बडा मास भी माना गया है। ऐसे में इस मास में की गई पूजा, धार्मिक अनुष्ठान व दान-पुण्य का महत्व भी बढ जाता है। इस मास में किए गए दान का विशेष फल प्राप्त होता है। अतः गंगा दशहरा पर गंगा माता का पूजन-स्नान करने, ऋषि पितरों का तर्पण करने व दान-पुण्य करने से मांग गंगा का आशीर्वाद व कृपा की प्राप्ति होती है।
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