◼️कावड़ यात्रा के लिए कोई दूसरा विकल्प ढूँढे सरकार



रिपोर्ट :- अजय रावत 

गाजियाबाद :- कोरवा-यूपी, फ्लैट ओनर फेडरेशन गाजियाबाद और ग्रीन क्लीन सोसाइटी के शीर्ष प्रतिनिधियों की एक बैठक रविवार को आयोजित की गई। बैठक में कांवड़ यात्रा के लिए सरकार द्वारा प्रस्तावित मार्ग पर होने वाले वृक्षों के कटान को लेकर चिंता व्यक्त की गई। 
       
बैठक में कोरवा-यूपी के मुख्य संरक्षक और फ्लैट ओनर फेडरेशन गाजियाबाद के चैयरमेन कर्नल तेजेन्द्र पाल त्यागी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार करीब 1 करोड़ कावड़ियों के लिए एक वैकल्पिक रूट बनाना चाहती है। इसके लिए 50 से अधिक गांवों के 33 हजार बड़े वृक्षों और 1 लाख छोटे वृक्षों और झाड़ियाँ काटी जाएंगी। नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल ने भी इस संबंध में जानकारी मांगी है, जिसकी अगली सुनवाई 8 जुलाई को होनी है। उन्होंने कहा कि ऐसे किसी भी वैकल्पिक रूट का समर्थन नहीं करते जिसमें 33 हजार वृक्षों की हत्या शामिल हो। बैठक में मौजूद अन्य वक्ताओं ने भी विचार रखते हुए कहा कि इस योजना के प्रस्तावित रुट के हिसाब से पहले से ही पौधारोपण शुरू किया जाता तो आज हजारों वृक्षों की हत्या करने की नौबत नहीं आती। 

कर्नल त्यागी ने कहा कि सरकार द्वारा ललितपुर में चिन्हित 222 एकड़ भूमि में किये जाने वाले वृक्षारोपण का लाभ गाजियाबाद, मेरठ या मुजजफरनगर को कैसे मिलेगा। वृक्षों के अंधाधुंध कटान के कारण ही जलवायु परिवर्तन का असर साफ दिखाई दे रहा है। बैठक में सरकार द्वारा योजना को न बदले जाने की स्थिति में मामले को अदालत में चुनौती देने की बात भी कही गई। बैठक में मौजूद सभी सदस्यों ने कहा कि काँवड़ यात्रा के लिए गंग नहर की दोनों तरफ की पटरियों पर वन साइड मूवमेंट की व्यवस्था की जाए और साथ ही काँवड़ यात्रियों की संख्या को भी नियंत्रित किया जाए। क्योंकि लाखों वृक्षों की हत्या से भगवान शिव कैसे प्रसन्न हो सकते हैं। 

बैठक में डॉ पवन कौशिक, एम एल वर्मा, मुलेन्द्र कुमार शर्मा, डॉ आर पी शर्मा, सी एम वेद, कुलदीप शर्मा, राम अवतार पचौरी, जी एस सिद्धू, सुभाष शर्मा, सुधीर सिंह, पुनीत गुप्ता, सविता शर्मा और विशाल रावत आदि मौजूद रहे।
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