रिपोर्ट :- अजय रावत 

गाज़ियाबाद :- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गाजियाबाद विभाग ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। विभाग के संघचालक कैलाश अग्रवाल ने पत्रकारों को इस आयोजन के इतिहास और उपयोगिता की जानकारी दी और बताया कि छत्रपति शिवाजी एक ऐसे साहसी और संकल्पित योद्धा थे, जिन्होंने 17वीं शताब्दी में ‘हिंदवी स्वराज्य’ के संस्थापक के रूप में ऐतिहासिक कार्य किया। 6 जून, 1674 को अपूर्व भव्यता के साथ, वह छत्रपति, ‘सर्वोच्च संप्रभु’ के रूप में सिंहासन पर बैठे। छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जिससे इस संप्रभु और शक्तिशाली हिंदू साम्राज्य की नींव पड़ी। इस क्रम को आगे बढ़ाते हुए अपने शहर में भी इस उत्सव का आयोजन किया जाता है।

महानगर के संघचालक धुरेंदर गोयल ने कार्यक्रम की रूपरेखा देते हुए बताया की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गाजियाबाद महानगर के तत्वाधान में हिंदू साम्राज्य दिवस एवं छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक का उत्सव प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी रविवार, 23 जून को शाम 5:30 बजे बलिदान पथ (स्थान- नवयुग मार्केट) में हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। आगे की जानकारी देते हुए बताया की 2019 से निरंतर होने वाले इस उत्सव का समाज के सभी वर्ग उत्सुकता से प्रतीक्षा करते हैं। इस कार्यक्रम में 5000 से अधिक लोग भाग लेते हैं। 

कार्यक्रम का शुभारंभ शहर के प्राचीन सिद्धपीठ मंदिर श्री दूधेश्वर नाथ पीठ से होती है जिसमे 1100 माताएं और बहनें पारंपरिक वेशभूषा में कलश के साथ यात्रा आरंभ करती है जो शहर के विभिन्न रास्तों और बाजार से होते हुए बलिदान पथ पर समाप्त होती है। इस यात्रा में छत्रपति शिवाजी महाराज की अतिसुंदर झांकी के साथ 101 खड्गधारी बहनों का संचालन रहेगा। पूरे कार्यक्रम की देखरेख राष्ट्रीय सेविका समिति के बहनों द्वारा की जाएगी। यात्रा में सबसे आगे 21 बुलेट वाली बहनों का प्रदर्शन रहेगा। यात्रा में कुछ स्थानों पर झांकी की आरती व मंगल गीत की प्रस्तुति रहेगी। पिछले 6 वर्षो से निरंतर होने वाली इस यात्रा को नगर के लोगो द्वारा भव्य स्वागत सत्कार किया जाता है। बहनों के साथ बालिकाओं की उपस्तिथि देखते ही बनती है।

विभाग के सह संपर्क प्रमुख मनमीत ने बताया की महिलाओं के सशक्तिकरण एवं समानता को प्रदर्शित करती ये यात्रा आम जन मानस में एक अमिट छाप छोड़ेगी। ऐसा समारोह पूरे भारतवर्ष में केवल 2 स्थानों पर होता है, पहला रायगढ़ के किले और दूसरा अपने गाजियाबाद जिले में। इस अवसर पर महानगर कार्यवाह अभिषेक सचदेवा और अन्य अधिकारी विपिन त्यागी, नीरज जांगिड़ आदि भी उपस्थित रहे।

छत्रपति शिवाजी के राज्याभिषेक के 350वें वर्ष की स्मृति को शिव शक पंचांग के अनुसार ‘शिवराज्याभिषेक सोहला’ के रूप में भी जाना जाता है। भारतीय इतिहास में शानदार राजाओं, बहादुर योद्धाओं और दूरदर्शी नेताओं की लंबी सूची है। इनमें छत्रपति शिवाजी का असाधारण जीवन अदम्य साहस, अद्वितीय नेतृत्व क्षमता, दृढ़ संकल्प और लोक कल्याणकारी संवेदनशील और सक्षम प्रशासन का पुंजीभूत है।

विभाजित और पराजित हिंदू समाज निराश और कुंठित था। लम्बे इस्लामी शासन ने उसे असहाय, आत्मविश्वासहीन और अस्थिर बना दिया था। भारत का बौद्धिक परिदृश्य क्रमशः बंजर हो रहा था और सांस्कृतिक सूर्य अस्ताचल की ओर बढ़ रहा था। ऐसे में ‘म्लेच्छाक्रान्त देशेषु’ जैसे विषम वातावरण में भारत माँ के देशभक्त सपूत छत्रपति शिवाजी का उदय धूमकेतु की तरह होता है।

उन्होंने एक महान ‘हिंदवी साम्राज्य’ की स्थापना करते हुए विभाजनकारी और दमनकारी इस्लामी शासन का प्रतिरोध किया। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर हिंदू धर्म का पुनरुत्थान और प्रसार सुनिश्चित किया। अपनी माँ जीजाबाई, समर्थ गुरु रामदास और भारत के अन्य संतों और सम्राटों के उच्चतम आदर्शों से प्रेरित होकर, उन्होंने न केवल हिंदुओं की सुषुप्त चेतना को जागृत किया, बल्कि उन्हें संगठित करते हुए मुगल शक्ति को खुली चुनौती दी।

स्व-शासन, सांस्कृतिक गौरव, सनातन धर्म और विदेशी वर्चस्व के अटूट और अनवरत प्रतिरोध के सिद्धांत पर स्थापित ‘हिंदवी स्वराज्य’ की विरासत ने बाल गंगाधर तिलक, वीर सावरकर आदि विचारकों और स्वतंत्रता सेनानियों के ऊपर अमिट छाप छोड़ी। इस विरासत ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन और स्वातन्त्र्योत्तर भारत को भी प्रभावित किया। निष्कर्षतः ‘हिंदवी स्वराज्य’ के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज आधुनिक भारत के निर्माताओं में से एक थे।

कार्यक्रम के अंतर्गत, बलिदान पथ पर नन्हे बालकों द्वारा माता जीजाबाई और शिवाजी महाराज के प्रतिरूप का राज्याभिषेक मंच पर प्रस्तुत किया जाएगा। इसके साथ नाटकबाज थिएटर के युवा कलाकारों द्वारा एक नाट्य प्रस्तुति से समाज के विभिन्न वर्गो से आए लोगो को उस समय के भव्य आयोजन से अवगत कराया जाएगा। कार्यक्रम स्थल पर बैठने और जलपान, पार्किंग इत्यादि की उचित व्यवस्था का प्रबंध किया गया है।

कार्यक्रम के प्रमुख आकर्षण :
हिंदू साम्राज्य की स्थापना के 350 गौरवशाली वर्ष
छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की 50 युवा कलाकारों द्वारा नाट्य प्रस्तुति
लगभग 1100 माताओं और बहनों की कलश यात्रा
101 खड्गधारी बहनों का पद संचलन
21 बुलेट वाली बहनों का अग्रणी प्रदर्शन 
21 बालक और बालिकाओं का माता जीजाबाई और शिवाजीराजे के रूप में मंच पर राज्याभिषेक 
यात्रा में छत्रपति शिवाजी महाराज की मनममोहक झांकी

कार्यक्रम के मुख्य अध्यक्ष श्री श्री 1008 महंत नारायण गिरी जी, पीठाधीश्वर श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर रहेंगे। मुख्य अतिथि के रूप में महेंद्र, क्षेत्र प्रचारक, पश्चिम उत्तर प्रदेश और मुख्य वक्ता प्रोफेसर राकेश सिन्हा, वरिष्ठ विचारक एवं चिंतक रहेंगे।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारतीय संस्कृति और मूल्यों को बढ़ावा देता है, शिक्षा और ज्ञान को महत्व देता है, अनुशासन, शारीरिक प्रशिक्षण और व्यायाम के साथ-साथ देशभक्त, नैतिक और सदाचारी बनने के लिए प्रोत्साहित करता है।
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