रिपोर्ट :- अजय रावत 

गाजियाबाद :- श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्रीपंच दशनाम जूना अखाडा अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज ने दिल्ली संत महामंडल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अध्यक्ष के रूप में एक वर्ष का कार्यकाल पूरा कर लिया है।  उनके नेतृत्व में संस्था ने धर्म, आध्यात्म के साथ समाज सेवा के कार्यो में भी देश ही नहीं पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान बनाई है। इसी के उपलक्ष्य में सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में आयोजित 10 दिवसीय संत सनातन कुंभ में 9 जुलाई को महाराजश्री का अभिनंदन समारोह होगा व दिल्ली संत महामंडल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की बैठक का आयोजन भी किया जाएगा। 

मंदिर के मीडिया प्रभारी एस आर सुथार ने बताया कि महाराजश्री के अभिनंदन समारोह में जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरी महाराज, श्रीपंच दसनाम जूना अखाड़ा के  अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेम गिरी महाराज, आनंद पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानन्द गिरी महाराज, दिल्ली संत महामंडल के संस्थापक स्वामी राघवानन्द गिरी महाराज, महामंडलेश्वर नवल किशोर दास महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी कंचन गिरी महाराज, कोषाध्यक्ष महंत धीरेंद्र पुरी महाराज, महामंडलेश्वर साध्वी विद्या गिरी महाराज, श्रीमहंत सुरेंद्रनाथ अवधूत महाराज, थानापति महंत धर्मेंद्र गिरी महाराज, श्रीमहंत सोमगिरी महाराज, नारायण दास उदासीन महाराज, महंत दीनबंधु दास महाराज, महंत गिरीशानंद गिरी महाराज, महंत मुकेशानंद गिरी महाराज समेत सैकडों संत शामिल होंगे। 9 जुलाई को प्रातः 9 बजे हवन कर हाथरस में मारे गए श्रद्धालुओं की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की जाएगी। 

हवन के बाद दिल्ली संत महामंडल की बैठक होगी जिसमें पाखंडी तथाकथित बाबाओं के प्रति जनता को जागरूक करने के लिए अभियान चलाने, पर्यावरण संरक्षण के लिए अधिक से अधिक पौधरोपण करने के साथ जनता को भी जागरूक करने,  बीमार व लाचार गौ माता की सेवा व इलाज के और गो सेवा रथ शुरू करने, शिक्षा का प्रचार-प्रसार करने के साथ गरीब बच्चों का स्कूलों में एडमिशन कराकर उन्हें किताबें, यूनिफार्म आदि उपलब्ध कराने, जरूरतमंदों के लिए चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने, मंदिरों के संरक्षण व जीर्णोद्वार, सनातन हिंदू धर्म को मजबूत व एकजुट करने के लिए पूरे विश्व में अभियान चलाने आदि पर विचार-मंथन किया जाएगा। बैठक के बाद महाराजश्री का अभिनंदन होगा और उसके बाद भंडारे का आयोजन होगा।
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