◼️इतिहास बदलने के लिये कांवड़ उठाएगी जगदम्बा महाकाली डासना वाली की बेटियां



रिपोर्ट :- अजय रावत 

गाज़ियाबाद :- हिन्दुओ की घटती हुई जनसंख्या और हिन्दुओ में बढ़ती हुई जातीय वैमनस्यता जल्दी ही सम्पूर्ण सनातन धर्म को सर्वनाश की ओर धकेल देगी। सनातन धर्म का सर्वनाश सम्पूर्ण मानवता का सर्वनाश सिद्ध होगा। आज ऐसा कोई संत,कोई राजनेता, कोई बुद्धिजीवी,कोई संगठन नहीं दिखाई देता जो हिन्दुओ को इस विकट परिस्थितियों से निकाल सके। ऐसे में अब बस भगवान ही हिन्दुओ के अंतिम शरण हैं। अब केवल माँ और महादेव ही हिन्दुओ को कोई मार्ग दिखला सकते हैं अन्यथा सर्वनाश तो आ ही चुका है।ऐसे में शिवशक्ति धाम के पीठाधीश्वर व श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने विश्व धर्म संसद के आयोजन का संकल्प लिया है।उनके संकल्प की पूर्ति तथा हिन्दुओ को सद्बुद्धि के जगदम्बा महाकाली डासना वाली की दो बेटियां इस बार हरिद्वार से कांवड़ उठाएगी और कांवड़ का जल शिवशक्ति धाम डासना के महादेव को समर्पित करेगी।

डॉ उदिता त्यागी व पार्षद प्रमोश यादव  अपने लगभग एक हजार साथियो के साथ इस बार कांवड़ उठाएगी।
उन्होंने अपना यह संकल्प आज शिवशक्ति धाम डासना में जगदम्बा महाकाली डासना वाली के दरबार मे लिया।
इस विषय मे डॉ उदिता त्यागी का कहना है कि अब माँ और महादेव ही हम हिन्दुओ की रक्षा कर सकते हैं।इसके लिए उन्हें हम सब हिन्दुओ को सद्बुद्धि और पौरुष प्रदान करना पड़ेगा।अगर हम हिन्दू इस्लामिक जिहाद की विभीषिका को भूलकर आपस में जातिवाद के नाम पर लड़ते रहे और अपनी मूर्खता से अपने परिवारों को कमजोर करते रहे तो वह दिन दूर नहीं जब यह देश इस्लामिक देश बन जायेगा और यहाँ हिन्दुओ की वो ही दुर्गति हो जाएगी जो अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, कश्मीर हो चुकी है और अब केरल और बंगाल में हो रही है।

अब हम महिलाएं माँ और महादेव से विश्व धर्म संसद की सफलता और हिन्दुओ को सद्बुद्धि प्राप्ति के लिये कांवड़ का जल चढ़ाकर प्रार्थना करेंगे।हिन्दुओ को यदि सद्बुद्धि आ गयी तो हिन्दू जातिवाद के चंगुल से निकल कर अपने परिवार को मजबूत करने में लग जायेगा।अगर ऐसा हो गया तो फिर कोई भी हिन्दुओ का कभी कुछ नहीं बिगाड सकेगा।
बम्हेटा की पार्षद श्रीमती प्रमोश यादव कहा कि उनके साथ बहुत बड़ी संख्या में महिलाएं कांवड़ लाकर शिवशक्ति धाम में जल चढ़ाएगी।सनातन की रक्षा हेतु अब मातृ शक्ति का दायित्व है कि वो सनातन को अपने मूल रूप में स्थापित कर आने वाली पीढ़ियों को उसे सौपें। उन्होंने सभी कांवड़ लाने वाले भक्तगणों का आह्वान किया कि कावड़ यात्रा पूर्ण धार्मिक रीतिरिवाज़ो से सादगीपूर्ण तरीक़े से की जाए।
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