रिपोर्ट :- अजय रावत
गाज़ियाबाद :- क्रांति के नायकों को स्मरण करने, श्रद्धांजलि देने के लिए लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट द्वारा ज्ञानपीठ केन्द्र 1, स्वरुप पार्क जी0 टी0 रोड साहिबाबाद के प्रांगण में कार्यक्रम का आयोजन किया गया, समारोह में शामिल समाजवादी चिन्तक शिक्षाविद राम दुलार यादव ने भारत छोडो आन्दोलन 1942 पर प्रकाश डाला, सभी साथियों ने स्वतंत्रता सेनानियों, शहीदों के सम्मान में जोरदार नारे लगाये, स्मरण करते हुए उनको नमन किया, तथा उनके विचार पर अनवरत चलने का संकल्प लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजवादी पार्टी के महानगर अध्यक्ष वीरेन्द्र यादव एडवोकेट ने किया, सञ्चालन श्रमिक नेता अनिल मिश्र ने, आयोजन इंजी0 धीरेन्द्र यादव ने किया। कार्यक्रम को कैलाश चन्द्र, अवधेश कुमार मिश्र, चन्द्रबली मौर्य ने भी संबोधित किया, हुकुम सिंह, राजेन्द्र सिंह ने देश-प्रेम के गीत प्रस्तुत कर सभी को भाव-विभोर कर दिया।
समाजवादी पार्टी के महानगर अध्यक्ष वीरेन्द्र यादव एडवोकेट ने अगस्त क्रांति, अंग्रेजों भारत छोडो आन्दोलन 1942, महात्मा गाँधी के मन्त्र करो, मरो में ज्ञात और अज्ञात आन्दोलनकारियों को स्मरण करते हुए नमन किया तथा कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी के नेताओं की गिरफ़्तारी के बाद कांग्रेस सोशलिष्ट पार्टी के नेताओं ने भूमिगत होकर पूरे जोश के साथ इस आन्दोलन को कमजोर नहीं होने दिया, जब तक वह गिरफ्तार न हो गये, फिर क्या था भारत छोड़ों आन्दोलन जनता का आन्दोलन बन गया, जनता ने ब्रिटिश शासन की धमनी डाकघर में आग लगा दिया, थाने फूंक दिये, रेल पटरियां उखाड़ दी, संचार के साधनों को ध्वस्त कर दिया, इसका परिणाम यह हुआ कि उ0 प्र0 में बलिया, कलकत्ता में मिदनापुर और महाराष्ट्र में सतार ने अपने को स्वतंत्र घोषित कर ब्रिटिश हुकूमत के दांत खट्टे कर दिये, उसी का परिणाम रहा कि अंग्रेजी शासन की चूलें हिल गयीं, अंग्रेज इस निष्कर्ष पर पहुँच गया कि अब भारतीयों को नियंत्रित करना टेढ़ी खीर है, इन्हें आजाद करना ही पड़ेगा| लेकिन आज देश स्वतंत्र है कितना ही शोषण, अन्याय, अत्याचार, अनाचार और भ्रष्टाचार हो, संविधान और लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश की जा रही हो, हमारे देश में नफ़रत और असहिष्णुता का वातावरण बनाया जा रहा हो, हमारे पुरुखों ने जो सत्य, अहिंसा, सत्याग्रह का महामंत्र दिया, यहाँ कोई भी जन आन्दोलन नहीं बन पा रहा है, राजनीतिक पार्टियाँ जिन मुद्दों पर संघर्ष करती है छात्र, नवजवान जनता की भागीदारी शून्य है, यह लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं हैं, यह चिंता का विषय है, यदि हम सचेत नहीं हुए तो इसी तरह शोषण के शिकार होते रहेगें, भारत छोडो आन्दोलन की सफलता से ही स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त हुआ।
इस अवसर पर लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट के संस्थापक/अध्यक्ष शिक्षाविद राम दुलार यादव ने कहा भारत की आजादी कठिन संघर्षों और कुर्बानियों से मिली, लेकिन आजादी के 76 वर्ष बाद भी हम शोषण और अनाचार मुक्त समाज नहीं बना पाये, भारत में गरीबी बढती जा रही है, 40% बच्चे कुपोषण के शिकार हैं, विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट 2024 में भारत 143 देशों में 126वें स्थान पर है, जबकि सरकार 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज दे रही है, यहाँ समाज का कमजोर वर्ग शिक्षा और चिकित्सा से वंचित है, मंहगाई, बेरोजगारी, बेकारी के कारण वह आवश्यक आवश्यकता की पूर्ति भी नहीं कर पा रहा है, झूठ और लूट का साम्राज्य है, हमारे शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों ने कभी सोचा नहीं होगा, हम यातनाए इसलिए नहीं झेले, अपने जीवन का बलिदान इसलिए नहीं दिया था कि यहाँ के आम आदमी का जीवन स्वाभिमान और सम्मान से जीना कठिन होगा| हमें उन महापुरुषों के विचार को आत्मसात कर नीतियां बनानी चाहिए तथा नीयत भी ठीक होनी चाहिए, तभी हम देश और समाज के साथ न्याय कर पायेगें।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से शामिल रहे, राम दुलार यादव, कैलाश चन्द्र, वीरेन्द्र यादव एडवोकेट, राम प्यारे यादव, इंजी0 धीरेन्द्र यादव, ब्रह्म प्रकाश, फूलचंद वर्मा, राजपाल यादव, ओम प्रकाश अरोड़ा, राजेन्द्र सिंह, डा0 देवकर्ण चौहान, विजय भाटी एडवोकेट, अवधेश मिश्र एडवोकेट, चन्द्रबली मौर्य, राजेन्द्र यादव, हुकुम सिंह, अवधेश यादव जिला सचिव सपा, अखिलेश शुक्ल, भूपेन्द्र शर्मा, नवल मौर्य, अमर बहादुर, भक्ति यादव, हरिकृष्ण, प्रेमचंद पटेल, अमृतलाल चौरसिया, हाजी मोहम्मद सलाम, राजीव गर्ग आदि।